Pakistan News: पाकिस्तान की राजनीति में उथल-पुथल कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक तरफ जेल में बंद इमरान खान शहबाज सरकार के नई-नई लिए मुसीबतें ला रहे हैं, दूसरी तरफ नवाज शरीफ के दामाद ने ऐसा खुलासा कर दिया है जिसने पाकिस्तान की राजनीति में हलचल मचा दी है. नवाज शरीफ के दामाद मोहम्मद सफदर ने बताया कि पाकिस्तान की सेना इमरान खान से देश को बचाने के लिए लंदन गई थी. लंदन से नवाज शरीफ को पाकिस्तान लाने के लिए सेना अधिकारियों ने उनकी खूब खुशामद की, यहां तक कि पांव पकड़ लिए.


पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) प्रमुख नवाज शरीफ ने बताया कि साल 2022 में नवाज शरीफ को पाकिस्तान बुलाने के लिए सेना के अधिकारी लंदन गए थे. 74 साल के नवाज शरीफ स्वास्थ्य में गड़बड़ी के आधार पर 4 साल तक निर्वासन के तहत लंदन में रहने के बाद पिछले साल अक्टूबर महीने में लौट आए थे. नवाज के स्वदेश लौटने के बाद उनपर चल रहे अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले समेत अन्य मामलों में बरी कर दिया गया था. नवाज शरीफ ब्रिटेन जाने से पहले अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में 7 साल जेल की सजा काट रहे थे. 


नवाज शरीफ को हराया गया चुनाव
नवाज शरीफ के दामाद मोहम्मद सफदर सेना के रिटायर्ड कैप्टन हैं. ये बातें उन्होंने पीएमएल-एन कार्यकर्ताओं को संबोधन के दौरान कही. सफदर ने बताया कि नवाज शरीफ जब चौथी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए लौटे तो देश के ताकतवर हलकों यानी सेना ने इसका विरोध किया. उन्होंने बताया कि नवाज शरीफ प्रधानमंत्री न बनें, यह सुनिश्चित करने के लिए एनए-15 मानसेहरा सीट पर उन्हें हार दिलाई गई. 


पाकिस्तान की आवाम और सेना आमने-सामने
मौजूदा समय में पाकिस्तान की सेना आवाम का विरोध झेल रही है. अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान की सेना ‘अज़्म-ए-इस्तेहकाम’ नाम का अभियान चलाना चाह रही है. तमाम प्रयासों के बाद भी जनता के विरोध की वजह से सेना का यह अभियान सफल नहीं हो रहा है. हाल ही में सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने कहा था कि देश की कुछ बड़ी राजनीतिक ताकतें इस अभियान को चलने नहीं दे रही हैं. उन्होंने इसके लिए भी इमरान खान की तरफ इशारा किया था. 


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