लाहौर: पाकिस्तान के लाहौर के कोट लखपत जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को प्रशासन ने एक अटेंडेंट (सहयोगी) देने से इंकार कर दिया है और कहा कि वो खुद ही जेल वॉर्ड की सफाई रखें. पंजाब प्रांत की सरकार ने बुधवार को कहा कि वो पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेता को उनके अटेंडेंट के रूप में एक कैदी मुहैया नहीं करा सकते और इसलिए उन्हें खुद ही अपने वॉर्ड को साफ करना पड़ेगा.
कारागार महानिरीक्षक शाहिद सलीम बेग ने कहा कि शरीफ को अल-आजिजिया स्टील मिल्स/हिल मेटल प्रतिष्ठान मामले में भ्रष्टाचार के लिए 24 दिसंबर को सुनाई गई सात साल की 'कठोर' सजा के तहत उन्हें खुद ही अपने कक्ष को साफ रखने के लिए कहा गया है.
तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ को कोट लखपत जेल में एक टीवी सेट, बिस्तर, कंबल, हीटर, एक कुर्सी और टेबल दिया गया है. जेल प्रमुख ने कहा कि शरीफ का मामला अति संवेदनशील है इसलिए उन्हें जेल के उनके बैरक से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई है.
शरीफ को पिछले साल की 25 दिसंबर को लाहौर की कोट लखपत जेल भेज दिया गया. एक दिन पहले ही देश की भ्रष्टाचार विरोधी अदालत ने उन्हें बहुचर्चित पनामा पेपर्स कांड से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में सात साल जेल की सजा सुनायी थी.
अदालत ने 69 साल के शरीफ को अल-अजीजिया स्टील मिल्स भ्रष्टाचार मामले में सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी जबकि फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट्स भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया था. इस्लामाबाद स्थित जवाबदेही अदालत ने ‘फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट्स’ भ्रष्टाचार मामले में सुनवाई शुरू की थी.
फैसले के बाद अदालत में ही शरीफ को गिरफ्तार कर लिया गया और रावलपिंडी की अडियाला जेल भेज दिया गया. अदालत ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्हें लाहौर में कोट लखपत जेल स्थानांतरित कर दिया.
ये भी देखें
फटाफट अंदाज में देखिए सुबह की बड़ी खबरें