इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उस समय इस्तीफे के लिए मजबूर होना पड़ा जब देश के सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के लिए उनको पद के अयोग्य ठहरा दिया और पनामागेट मामले में उनके और उनकी संतानों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने का आदेश दिया. यह तीसरी बार है जब 67 साल के शरीफ का प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल बीच में ही खत्म हो गया. इस बहुप्रतीक्षित फैसले से पाकिस्तान में ऐसे समय राजनीतिक संकट पैदा हो गया जब देश खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और आतंकवाद से जूझ रहा है.


न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान ने सुप्रीम कोर्ट के खचाखच भरे रुम नंबर- एक में पांच न्यायाधीशों की अध्यक्षता वाला सर्वसम्मत फैसला पढ़कर सुनाया. इस मौके पर क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान ख़ान की पार्टी 'पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ' के कार्यकर्ताओं ने अदालत के बाहर जश्न मनाया और नारे लगाए ‘गो, नवाज, गो’. अदालत ने शरीफ को संविधान के सेक्शन 62 और 63 के तहत अयोग्य ठहराया. इन सेक्शंस के मुताबिक ससंद के सदस्य को ‘ईमानदार’ और ‘इंसाफ पसंद’ होना चाहिए.


न्यायमूर्ति खान ने कहा, ‘‘वे संसद के सदस्य के तौर पर अयोग्य ठहराए जाते हैं, इसलिए वे प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के योग्य नहीं रह गए.’’ कोर्ट ने चुनाव आयोग को शरीफ की अयोग्यता पर नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश दिया. आदेश के बाद आयोग ने शरीफ को लाहौर के एनए- 120 संसदीय क्षेत्र से डिनोटिफाइ किया और इसी के साथ संघीय मंत्रिमंडल भी भंग हो गया.


नवाज शरीफ के भाई शहबाज हो सकते हैं पीएम



अभी भले ही आधिकारिक घोषणा नहीं हुई हो लेकिन नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल एन के सूत्रों ने कहा कि नवाज के छोटे भाई शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने की प्रबल संभावना है. हालांकि अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए किसी नाम की घोषणा नहीं हुई है जो शहबाज (65) के नेशनल असेंबली सीट पर चुने जाने तक 45 दिन के लिए पद संभालेगा.


शहबाज फिलहाल पंजाब के मुख्यमंत्री हैं. कहा जा रहा है कि पार्टी के अध्यक्ष के रूप में बैठक की अध्यक्षता के बाद नवाज ने प्रधानमंत्री पद के लिए अपने भाई के नाम की सिफारिश की है. पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए राना सनाउल्ला और हमजा शहबाज का नाम चर्चा में है.


नवाज़ को नॉमिनेशन पेपर में बेटे की सैलरी छुपाना पड़ा मंहगा



सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के नॉमिनेशन पेपर में बेटे की यूएई स्थित कंपनी से ‘मिलने वाली’ सैलरी की घोषणा नहीं करने पर शरीफ को अयोग्य घोषित किया. कोर्ट ने सैलरी को ‘संपत्ति’ बताया. इसका भुगतान शरीफ को नहीं हुआ था.


शरीफ का कहना है कि उन्होंने अपनी तरफ से कुछ भी गड़बड़ी नहीं की है. अदालत के फैसले के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल एन) ने एक बयान में कहा कि शरीफ ने प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया है. प्रवक्ता ने कहा कि पनामा मामले की कार्यवाही के विभिन्न चरणों के संबंध में आपत्तियों के बावजूद शीर्ष अदालत के फैसले को लागू किया जाएगा.


पाक में पावर ट्रांसफर में कोई अड़चन नहीं आएगी: अमेरिका


इस बीच, वॉशिंगटन से मिली खबर के अनुसार, अमेरिका ने कहा कि उसे भरोसा है कि पाकिस्तान में पावर ट्रांसफर में कोई अड़चन नहीं आएगी. विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हमें सब ठीक रहने की उम्मीद है और पाकिस्तान की संसद बिना किसी अड़चन के अगला प्रधानमंत्री चुनेगी. अधिकारी ने शरीफ के इस्तीफे को पाकिस्तान का आंतरिक मामला बताया.


सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ समेत कई और के खिलाफ दिए आदेश



नवाज़ के साथ उनकी बेटी मरियम


सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (नैब) को भी आदेश दिया कि वह शरीफ, उनके बेटों हुसैन, हसन और बेटी मरियम के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला शुरू करे. उसने यह भी आदेश दिया कि छह सप्ताह के भीतर मामला दर्ज किया जाए और छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी की जाए. अदालत ने वित्त मंत्री और शरीफ के भरोसेमंद सहयोगी इशहाक डार, शरीफ के दामाद और नेशनल असेंबली के सदस्य कैप्टन मोहम्मद सफदर की संपत्ति की आपराधिक जांच के भी आदेश दिये.


फैसले को लेकर कुछ ऐसा रही विपक्ष की प्रतिक्रिया



इमरान खान की पार्टी 'पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ' ने शरीफ पर कटाक्ष करते हुए ट्ववीट किया, ‘‘भलाई के लिए गॉडफादर के शासन का अंत....सच्चाई और इंसाफ कायम होगा.’


इलाज के लिए पाकिस्तान छोड़कर जाने की अनुमति मिलने के बाद पिछले साल से दुबई में रह रहे पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ ने अदालत के फैसले पर पूरे देश को बधाई दी. जियो न्यूज ने मुशर्रफ के हवाले से कहा कि यह अच्छा फैसला है. पूरा देश खुश होकर मिठाइयां बांट रहा है.


इससे पहले देश की सरकार चला रही पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने सभी से फैसले का सम्मान करने का अनुरोध किया.


फैसले को लेकर कुछ ऐसा रही पक्ष की प्रतिक्रिया


शरीफ की अयोग्यता पर प्रतिक्रिया देते हुए उनकी बेटी मरियम ने कहा कि वह जल्द दमदार वापसी करेंगे. उन्होंने कई ट्वीट में कहा कि शरीफ को रोका नहीं जा सकता. रोक सको तो रोक लो. उन्होंने कहा कि पीएमएल-एन अब भी एक बड़ी पार्टी है और जब कभी शरीफ को हटाया गया तो जनता उनको पहले से बड़े जनादेश के साथ सत्ता में वापस लाई. मरियम ने कहा कि आने वाले समय में पीएमएल-एन अपने आगे के कदम के बारे में ऐलान करेगी.


बैकग्राउंडर


बेंच में न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा, न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान, न्यायमूर्ति गुलजार अहमद और न्यायमूर्ति शेख अजमत सईद और न्यायमूर्ति एजाजुल अहसन थे. यह मामला 1990 के दशक में लंदन में सपंत्तियां खरीदने से जुड़ा है. तब शरीफ दो बार प्रधानमंत्री बने थे. शरीफ के परिवार की लंदन में इन संपत्तियों का खुलासा पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले से हुआ. इन संपत्तियों के पीछे विदेश में बनाई गई कंपनियों का धन लगा हुआ है और इन कंपनियों का स्वामित्व शरीफ की संतानों के पास है.


इन संपत्तियों में लंदन स्थित चार महंगे फ्लैट शामिल हैं. शरीफ पाकिस्तान के सबसे रसूखदार सियासी परिवार और सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएल-एन के मुखिया हैं. इस्पात का बिजनेस करने वाले नवाज शरीफ पहली बार 1990 से 1993 के बीच प्रधानमंत्री रहे. उनका दूसरा कार्यकाल 1997 में शुरू हुआ जो 1999 में तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ के तख्तापलट के बाद खत्म हो गया.


सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए इसी साल मई में संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया था. जेआईटी ने बीते 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी. जेआईटी ने कहा कि शरीफ और उनकी संतानों का लाइफस्टाइल उनकी आमदनी से कहीं ज्यादा बेहतर है और इसी को आधार मानते हुए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज करने की सिफारिश की थी.


शरीफ ने जेआईटी की रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे ‘बेबुनियाद आरोपों का पुलिंदा’ करार दिया था और पद छोड़ने से इनकार किया था. बीते 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. फैसले के मद्देनजर इस्लामाबाद पुलिस ने विशेष सुरक्षा प्रबंध किए और राजधानी के बीचे ‘रेड जोन’ इलाके को आम लोगों के लिए बंद कर दिया. इस इलाके में सुप्रीम कोर्ट सहित कई महत्वूर्ण इमारतें हैं.