लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज का शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया. उनके जनाजे की नमाज में शीर्ष राजनीतिक नेताओं और पी एम एल-एन के समर्थकों सहित हजारों लोग शामिल हुए. कुलसुम (68) का मंगलवार को लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया था. वह लंबे समय से गले के कैंसर से पीड़ित थीं. उन्हें यहां शरीफ परिवार के जती उमरा आवास में दफना दिया गया. इसी के पास उनके ससुर मियां शरीफ और देवर अब्बास शरीफ की कब्र भी हैं.


लाहौर के शरीफ मेडिकल सिटी में कुलसुम के जनाजे की नमाज का नेतृत्व जाने माने धर्म गुरु तारिक जमील ने किया. इसके बाद उनका पार्थिव शरीर कड़ी सुरक्षा के बीच जटी उमरा ले जाया गया. कुलसुम के दो बेटों हसन और हुसैन नवाज को छोड़कर नवाज शरीफ और शरीफ परिवार के अन्य सदस्य जनाजे की नमाज में शामिल हुए.


शरीफ के इर्द-गिर्द एक सुरक्षात्मक मानव श्रृंखला बना दी गई थी जिससे कि जनाजे की नमाज अदा की जा सके. जनाजे की नमाज में शीर्ष राजनीतिक नेताओं, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पी एम एल-एन) के नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित हजारों लोग शामिल हुए. पंजाब के गवर्नर चौधरी सरवर और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर सहित पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ का नेतृत्व भी जनाजे की नमाज में शामिल हुआ.


पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता खुर्शीद शाह और कमर जमां कैरा भी जनाजे की नमाज में मौजूद थे. कुलसुम का ताबूत जब जनाजे की नमाज के लिए लाया गया तो पी एम एल-एन कार्यकर्ताओं ने 'लोकतंत्र की मां' जैसे नारे लगाए क्योंकि वह परवेज मुशर्रफ के शासन के दौरान अपने पति के लिए दीवार की तरह खड़ी रहीं.


पार्टी के एक कार्यकर्ता ने कहा, उन्होंने (कुलसुम) एकाकीपन, जेल और धमकियों का सामना किया, लेकिन वह अपने संकल्प से नहीं डिगीं और अपने पति के लिए अभियान जारी रखा. उनका पार्थिव शरीर पाकिस्तान इंटरनेशनल एअरलाइंस (पी आई ए) के एक विमान से आज सुबह लाया गया था.


लंदन से शव लाहौर लाए जाने के दौरान कुलसुम के देवर और पी एम एल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ, कुलसुम की बेटी अस्मा, पोता जायद हुसैन शरीफ (हुसैन नवाज का बेटा) और परिवार के 11 अन्य सदस्य साथ थे. बेगम कुलसुम के बेटे हसन और हुसैन नवाज अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने देश नहीं लौटे. दोनों को एक जवाबदेही अदालत ने भ्रष्टाचार के मामलों में भगोड़ा घोषित कर रखा है.


जवाबदेही अदालत द्वारा भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अडियाला जेल में सजा काट रहे शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद कैप्टन (सेवानिवृत्त) एम सफदर को कुलसुम के अंतिम संस्कार के लिए पैरोल पर रिहा किया गया है.


पंजाब गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि शरीफ को मिला पैरोल पहले ही पांच दिन और बढ़ाकर 12 सितंबर (शाम चार बजे) से 17 सितंबर (शाम चार बजे) तक कर दिया गया है.


गुरुवार को लंदन में रीजेंट पार्क मस्जिद में सैकड़ों लोग कुलसुम के जनाजे की नमाज में शामिल हुए थे. उन्होंने 'हम लोकतंत्र की मां को सलाम करते हैं' जैसे नारे लगाए थे. इस दौरान कुलसुम के बेटे हसन और हुसैन, देवर शहबाज शरीफ, पूर्व मंत्री चौधरी निसार और इसहाक डार भी मौजूद थे.