काम से जुड़ी बीमारियों और दुर्घटनाओं से हर साल करीब 20 लाख लोगों की मौत हो रही है. ये खुलासा संयुक्त राष्ट्र संघ की दो एजेंसियों की प्रकाशित रिपोर्ट में हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने पहली बार कार्यस्थल पर अलग-अलग मुश्किलों का सामना कर रहे कर्मियों पर संयुक्त रिपोर्ट जारी की है. रिसर्च में पाया गया है कि कार्यस्थल पर वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और काम की लंबी अवधि जैसे रिस्क फैक्टर कर्मचारियों की जिंदगी छीन रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरी के दौरान होनेवाली बीमारियां और दुर्घटना मौत का कारण बन रही हैं.
20 लाख लोगों की काम संबंधी कारणों से होती है मौत
2016 में, दुनिया भर में इसकी वजह से 20 लाख लोगों की मौत हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 और 2016 के बीच कर्मचारियों के चोट और बीमारी की मॉनिटरिंग की गई. रिसर्च से पता चला कि ज्यादातर कर्मचारी सांस और दिल के रोग की वजह से मरे. रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने कहा, "नौकरी से इतनी बड़ी संख्या में लोगों को मारे जाते हुए देखना हैरान करनेवाला है. हमारी रिपोर्ट बताती है कि देशों और उद्योगों को कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य बचाने और सुधारने के लिए जागने का समय आ गया है."
रिसर्च में वायु प्रदूषण का संपर्क और कई खतरनाक सामग्रियों समेत 19 व्यावसायिक जोखिम कारकों की पहचान की गई. एजेंसियों ने बताया कि 2016 में विश्व स्तर पर काम से जुड़ी मौतों की सबसे बड़ी संख्या 750,000 की जिम्मेदार काम के लंबे घंटे थे. काम के लंबे समय को एक सप्ताह में 55 घंटे या उससे ज्यादा के तौर पर परिभाषित किया जाता है. रिसर्च में दिल की बीमारी और स्ट्रोक से मौत की संख्या को देखा गया जिसे काम के लंबे घटों से पता लगाया जा सकता है.
संयुक्त राष्ट्र संघ की दो एजेसियों की संयुक्त रिपोर्ट जारी
2020 से संख्या में वैश्विक स्तर पर बढ़ोतरी का ट्रेंड दिखाई दे रहा है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महासचिव ने बताया, "नतीजे काम से जुड़ी बीमारी के बोझ पर महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराते हैं, और ये जानकारी नीतियों और व्यवहार को बदलने में हेल्दी और सुरक्षित कार्यस्थल को बनाने के लिए मदद कर सकती है." रिसर्च के मुताबिक काम से जुड़ी मौत की बेतरतीब बड़ी संख्या सामान्य तौर पर 54 वर्षीय पुरुषों में दक्षिण- पूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में देखी गई. रिपोर्ट में बताया गया कि काम के लंबे घंटों से जुड़ी मौत का ये सच भी है.