लाहौर: पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब (Punjab) प्रांत में अहमदी समुदाय (Ahmadi community) की एक कब्रिस्तान में करीब 50 कब्रों को पुलिस और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कथित तौर पर अपवित्र कर दिया है. अल्पसंख्यक समुदाय (minority community) का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन के एक सदस्य ने सोमवार को यह कहा.


जमात अहमदिया पंजाब के प्रवक्ता आमिर महमूद ने कहा कि लाहौर से करीब 110 किमी दूर हफीजाबाद जिले के प्रेमकोट में लोगों के एक समूह ने यह शिकायत लेकर पुलिस से संपर्क किया कि अहमदी समुदाय के कब्रिस्तान में कई कब्रों के पास लगे स्तंभों पर इस्लामी आयतें खुदी हुई हैं. उन्होंने कहा कि समूह ने धमकी दी कि अहमदी अपने घरों या कब्रों पर इस्लामी आयतें/ चिह्न नहीं प्रदर्शित कर सकते हैं.


महमूद ने बताया, ‘‘रविवार को, स्थानीय धर्मगुरुओं और वकीलों के साथ पुलिस अहमदी कब्रिस्तान पहुंची और 45 कब्रों के पास लगे स्तंभों को गिरा दिया. इन स्तंभों पर इस्लामी आयतें खुदी हुई थीं.’’  वहीं, दूसरी ओर पुलिस ने कहा कि कब्र पर से स्तंभों को वकीलों के एक समूह की अर्जी पर हटाया गया है और चेतावनी दी कि अहमदी भविष्य में इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.


पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं 
पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें अतीत में अहमदी समुदाय के सदस्यों की कब्रों को धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा अपवित्र किया गया था.


1974 में पाकिस्तान की संसद ने अहमदी समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया. एक दशक बाद, उन्हें खुद को मुस्लिम कहने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. उन्हें उपदेश देने और तीर्थयात्रा के लिए सऊदी अरब की यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.


पाकिस्तान में, 220 मिलियन आबादी में से लगभग 10 मिलियन गैर-मुस्लिम हैं. रूढ़िवादी मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अक्सर चरमपंथियों द्वारा उत्पीड़न की शिकायत करते हैं.


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