अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद अलर्ट पर पड़ोसी, नोवगोरोड में युद्धाभ्यास का जायजा लेने पहुंचे राष्ट्रपति पुतिन
रूसी समाचार एजेंसियों की मानें तो ऐसा पहली बार हो रहा है और ये अपने आप में पहली तरह का ऐसा युद्धाभ्यास है, जब इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल युद्धाभ्यास के लिए हो रहा है.
अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद पड़ोसी अलर्ट पर हैं और इसी अलर्ट को लेकर तैयारी भी जारी है. रूस के नोवगोरोड इलाके में सेना के अभ्यास का जायजा लेने खुद राष्ट्रपति पुतिन पहुंचे. रूस और बेलारूस की सेनाएं यहां युद्धाभ्यास कर रही हैं.
रूस के नेजहनी समेत कई जगहों पर जैपेड -21 नाम से सेनाओं का साझा अभ्यास चल रहा है. इस साझा सैन्य अभ्यास में रूस, बेलारूस के अलावा, भारत, अरमेनिया और कजाकिस्तान के सैनिक भी शामिल हैं.
इस युद्धाभ्यास में करीब 20 हजार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. युद्धाभ्यास में मशीन गन और ग्रेनेड लांचर से लैस दो नए रोबोटिक वाहन भी शामिल हैं. रूसी समाचार एजेंसियों की मानें तो ऐसा पहली बार हो रहा है और ये अपने आप में पहली तरह का ऐसा युद्धाभ्यास है, जब इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल युद्धाभ्यास के लिए हो रहा है. इस मिलिट्री ड्रिल को 'जापद 2021' नाम दिया गया है.
वहीं दूसरी ओर पोलैंड, लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया के विदेश मंत्रियों ने सोमवार को इस युद्धाभ्यास के बारे में चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि सीमा के इतने करीब इतने बड़े युद्धाभ्यास को अंजाम देना एक भड़काऊ कदम है.
वहीं क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इन चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि "संयुक्त सैन्य अभ्यास एक नियमित प्रक्रिया है." रूस का कहना है कि ये युद्धाभ्यास किसी देश के लिए खिलाफ नहीं है.
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