Neom: सऊदी अरब (Saudi Arab) में ईको-सिटी नियोम (Neom) बसाने के लिए अब लोगों की जान की परवाह भी नहीं की जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि सुरक्षाबलों और अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट के तहत आने वाले 'दि लाइन' (The Line) के आस-पास जमीन न खाली करने पर लोगों को मारने के आदेश दे दिए गए हैं. यह खुलासा 'बीबीसी' की वेरिफाई और आई इन्वेस्टिगेशन टीम ने किया है.


ब्रिटिश पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टर की रिपोर्ट में एक पूर्व इंटेलिजेंस ऑफिसर के हवाले से बताया गया कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए बसाए जा रहे रेगिस्तानी शहर (दर्जनों पश्चिमी देशों की कंपनियों की ओर से) के लिए जमीन खाली कराने को सऊदी अरब के अधिकारियों ने घातक बल के इस्तेमाल को मंजूरी दी है.


The Line के पास नहीं खाली की जगह तो मार दी गोली!


कर्नल रबिह अलेनेजी ने इस बारे में बीबीसी की टीम को बताया कि नियोम ईको-प्रोजेक्ट के तहत दि लाइन के रास्ते के लिए उन्हें खाड़ी देश में कुछ लोगों (गांव में रहने वाले) को वहां से हटाने का निर्देश दिया गया था. जगह खाली न करने और विरोध करने की वजह से एक व्यक्ति को गोली तक मार दी गई थी, जिसकी बाद में मौत हो गई. हालांकि, जब इस बारे में सऊदी अरब की सरकार (Saudi Government) और नियोम प्रबंधन (Neom Management) से सवाल पूछे गए तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. 


Huwaitat को लेकर जारी किए ऑर्डर में कही थी ये बातें


बीबीसी से बातचीत के दौरान कर्नल ने आगे कहा कि जिस ऑर्डर को लागू करने के लिए कहा गया था, वह अल-खुरायबाह के लिए था और यह लोकेशन दि लाइन से 4.5 किमी दक्षिण की ओर थी. रबिह अलेनेजी के मुताबिक, अप्रैल 2020 के ऑर्डर में कहा गया था कि हुवैतत (Huwaitat) 'ढेर सारे विद्रोहियों' से बना है और 'जो कोई भी वहां जमीन खाली करने का विरोध जारी रखेगा, उसे मार दिया जाएगा. यह एक तरह से ऐसे लोगों के खिलाफ उनके घर में जाकर घातक बलों के इस्तेमाल का लाइसेंस था.' 


इसलिए आक्रामक रुख अपना रहे प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान?


रबिह अलेनेजी की मानें तो नियोम भी सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का ड्रीम प्रोजेक्ट है. यही वजह है कि वह हुवैतत समुदाय (आदिवासी) से निपटने में इतनी बर्बरता दिखा रहे हैं. हालांकि, कर्नल के इन दावों को बीबीसी की टीम स्वतंत्र तौर पर वेरिफाई तो नहीं कर पाई लेकिन सऊदी अरब के इंटेलिजेंस डायरेक्टरेट से जुड़े एक जानकार ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि कैसे क्लियरेंस ऑर्डर पास किया गया और उसमें क्या कहा गया था.  


सऊदी सरकार ने ऑफर किया मुआवजा, हकीकत 'कुछ और'


इस बीच, सऊदी अरब के अधिकारियों ने बताया कि दि लाइन के आसपास से जिन्हें हटने के लिए कहा गया था, उन्हें मुजावजे की पेशकश की गई थी. वैसे, मानवाधिकार संगठन AlQst ने इस बारे में जानकारी दी कि तय वादे के हिसाब से लोगों को रकम कम दी गई थी.


Neom से जुड़ा The Line प्रोजेक्ट क्या है?  


नियोम, सऊदी अरब का ईको-रीजन है, जो कि देश के विजन 2030 का हिस्सा है. वह इस प्रोजेक्ट के जरिए तेल से इतर अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार करना चाहता है. 500 बिलियन डॉलर्स के निवेश वाले इस फ्लैगशिप प्रोजेक्ट (दि लाइन) को ऐसा शहर बताया जा रहा है, जहां पर गाड़ियां नहीं होंगी. यह पूरा शहर एक लाइन (रेखा) के आकार में होगा, जो कि 200 मीटर (656 फुट) चौड़ा और 170 किमी (106 मील) लंबा रहेगा. हालांकि, इसका सिर्फ 2.4 किमी हिस्सा ही साल 2030 तक पूरा हो पाएगा. 



दि लाइन प्रोजेक्ट ब्रिटेन में ब्रिस्टल से लंदन और अमेरिका में न्यूयॉर्क से विलमिंगटन की दूरी जितना लंबा बताया जा रहा है. अगर दुनिया की ऊंची इमारतों से इसकी लंबाई की तुलना करें तो यह (500 मीटर) एंपायर स्टेट बिल्डिंग (443 मीटर), आइफिल टावर (324 मीटर) और बिन बेन्स एलिजाबेथ टावर (96 मीटर) से भी ऊंचा है.


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