Nepal Airlines: नेपाल के प्रधानमंत्री को करनी थी दुबई की यात्रा, 31 यात्रियों को छोड़ समय से पहले उड़ गया विमान
Nepal Airlines News: नेपाल के प्रधानमंत्री को लेकर नेपाल एयरलाइंस का विमान दुबई के लिए समय से पहले उड़ गया, जिस वजह से 31 यात्री एयरपोर्ट पर ही फंसे रह गए.
Nepal Airlines: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के लिए दुबई जाने वाली नेपाल एयरलाइंस की फ्लाइट ने समय से पहले उड़ान भर दी, जिस वजह से 31 यात्री दुबई नहीं जा पाए और काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फंसे रह गए. काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल एयरलाइंस की फ्लाइट ने अपने निर्धारित समय से दो घंटे पहले उड़ान भरी.
रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को दुबई जाने वाली फ्लाइट - आरए 299, रात 11.30 बजे उड़ान भरने वाली थी, लेकिन उड़ान की वीवीआईपी स्थिति के कारण विमान ने रात 9.30 बजे ही उड़ान भर ली. प्रधानमंत्री प्रचंड भी उसी में सवार थे और वह जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (सीओपी 28) के 28वें सम्मेलन में भाग लेने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दुबई के लिए रवाना हो रहे थे. ऐसे में नेपाल एयरलाइंस ने कहा कि फ्लाइट को निर्धारित समय से जल्दी रवाना होना पड़ा. बाद में एक नोटिस में एयरलाइंस ने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगी.
31 लोग नहीं कर पाए यात्रा
रिपोर्ट के अनुसार, दुबई आने वाली नेपाल एयरलाइन्स की विमान से कुल 274 यात्री यात्रा करने वाले थे लेकिन 31 लोग समय बदल जाने के कारण यात्रा नहीं कर पाए और उनकी फ्लाइट छूट गई. एयरलाइन ने कहा कि सभी यात्रियों के मोबाइल फोन और ईमेल के जरिए नए शेड्यूल के बारे में सूचना दी गई थी लेकिन 31 यात्रियों ने कोई जवाब नहीं दिया.
यात्रियों को होटल में ठहराया गया
रिपोर्ट के अनुसार अनुसार, छूटे हुए यात्रियों को एयरलाइंस की ओर से एक होटल में ठहराया गया और अगले दिन उनकी उड़ान की व्यवस्था की गई. हालांकि नेपाल एयरलाइंस के प्रवक्ता रमेश पौडेल ने दावा किया कि उन्होंने प्रत्येक यात्री को नई उड़ान अनुसूची के बारे में एक सप्ताह पहले ईमेल और फोन के माध्यम से सूचित कर दिया था. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई है और दुबई उड़ान कार्यक्रम को 23 नवंबर को संशोधित किया गया था.
उन्होंने आगे कहा कि वीवीआईपी उड़ान होने के कारण इस खबर को सार्वजनिक नहीं किया गया था. हालांकि, हमने 24 नवंबर को ईमेल और फोन के माध्यम से प्रत्येक को सूचित किया गया था.
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