(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
भारत के साथ सीमा मुद्दे को राजनीतिक आम-सहमति से सुलझाना होगा: नेपाल के विदेश मंत्री सऊद
Nepal-India Relations: नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद ने देश के सामने मौजूद आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए भारत और बांग्लादेश के साथ विद्युत व्यापार बढ़ाने पर बल देने की बात कही है.
Nepal-India Border Issue: नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद ने सोमवार (29 जनवरी) को कहा कि नेपाल और भारत के बीच सीमा मुद्दे को राजनीतिक आम-सहमति के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए.
सऊद ने भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सीमा समस्या को सुलझाने के लिए तकनीकी प्रणालियों में आवश्यक तकनीकी कामकाज पूरा करने के बाद दोनों देशों को स्वीकार्य समाधान तलाशा जाना चाहिए.
नेपाल-भारत मानव विकास और मित्र संघ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने कहा, ''हमारी इस संबंध में एक संयुक्त तकनीकी समिति भी है. इस प्रणाली को सक्रिय किया जाना चाहिए जिसके बाद दोनों देशों के नेताओं को तथ्यों के आधार पर कूटनीतिक तरीके से इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए. हम इस दिशा में काम कर रहे हैं.''
'पनबिजली के अधिक उत्पादन की जरूरत'
उन्होंने कहा कि देश के सामने मौजूद आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए हमें और अधिक पनबिजली का उत्पादन करना होगा और भारत तथा बांग्लादेश दोनों के साथ विद्युत व्यापार बढ़ाना होगा. नेपाल और भारत ने हाल में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके तहत भारत ने नेपाल से अगले 10 साल में 10,000 मेगावाट बिजली खरीदने पर सहमति जताई.
सऊद ने रविवार (28 जनवरी) को गणतंत्र दिवस से संबंधित एक अन्य कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा था कि नेपाल तथा भारत के मध्य सीमा मुद्दे को दोनों देशों के बीच बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने के बजाय संवाद के जरिए सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए.
दोनों देशों के बीच ज्यादातर विवादों का हुआ समाधान
उन्होंने कहा था, ''चूंकि नेपाल और भारत के बीच 1,800 किलोमीटर से अधिक लंबी खुली सीमा है. इसलिए दोनों पड़ोसियों के बीच सीमा से संबंधित कुछ विवाद और बहस अपरिहार्य है. लेकिन दोनों देशों की संयुक्त तकनीकी समिति ने ज्यादातर विवादों को सुलझा लिया है. सुस्ता और कालापानी-लिपुलेख केवल दो सीमा बिंदु ऐसे हैं, जिन्हें हल करने की आवश्यकता है.
यह भी पढ़ें: मालदीव से भारतीयों का 'मोहभंग'! पर्यटकों की संख्या में बड़ी गिरावट, टॉप 10 लिस्ट में 5वें पर पहुंचा भारत