नेपाल ने ‘कोविशील्ड' वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को दी मंजूरी, भारत से जल्द देने का किया अनुरोध
नेपाल ने ऑक्सफोर्ड और एस्ट्रेजेनिका की वैक्सीन कोविशील्ड को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. इससे पहले भारत ने 3 जनवरी को इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी.
भारत की तरफ से ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनिका की तरफ से तैयार की गई वैक्सीन 'कोविशील्ड' को 3 जनवरी को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने के बाद पड़ोसी नेपाल ने भी कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने नेपाल सरकार के हवाले से यह खबर दी है. भारतीय विदेश मंत्रालय शुक्रवार को बताया कि भारत-नेपाल ज्वाइंट कमिशन की छठी बैठक के दौरान नेपाल ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन का उत्पाद में सफलता करने हासिल करने को लेकर बधाई दी और नेपाल के लिए जल्द से जल्द वैक्सीन का अनुरोध किया है.
नेपाल ने ऐसे समय पर एस्ट्रेजेनिका का वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी है जब भारत में एक दिन बाद यानी 16 जनवरी से देशभर में फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीनेशन की शुरुआत होने जा रही है.
भारत में एक्सपर्ट कमेटी की तरफ से 1 जनवरी को कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की अंतिम मंजूरी के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास सिफारिश की गई थी. इसके बाद 2 जनवरी को भारत बायोटेक और आईसीएमआर की तरफ से तैयार 'कोवैक्सीन' को एक्सपर्ट कमेटी की तरफ से डीसीजीआई के पास अंतिम फैसला लेने के लिए भेजी गई थी. आखिर में डीसीजीआई ने 3 जनवरी को दोनों वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी थी.
Nepal approves use of AstraZeneca Covishield vaccine manufactured in India, reports Reuters quoting Nepal Government
— ANI (@ANI) January 15, 2021
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल की तरफ से करीब 1 करोड़ 20 लाख वैक्सीन की डिमांड की जाने वाली है. नेपाल में भारत की वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ हुए टेलीफोन वार्ता और वीडियो कांफ्रेसिंग में यह आश्वासन दिया था कि भारत में वैक्सीन तैयार होने के साथ ही नेपाली नागरिकों को प्राथमिकता के साथ कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी.
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली भारत दौरे पर हैं. नेपाल के विदेश मंत्री के दिल्ली दौरे का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य कोरोना वैक्सीन हासिल करना भी है. विदेश मंत्री ज्ञवाली के साथ में स्वास्थ्य सचिव भी दिल्ली भ्रमण दल में शामिल हैं जो कोरोना वैक्सिन पर होने वाले किसी समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं.