काठमांडू: दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के क्षेत्र में प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर नेपाल ने बड़ा कदम उठाया है. एवरेस्ट क्षेत्र को 2020 तक प्लास्टिक-मुक्त क्षेत्र बनाने के लिए नेपाल ने इस क्षेत्र में सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. माना जा रहा है कि इस कदम से धरती पर सबसे ऊंची चोटी पर होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगेगी.


समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के अनुसार, सोलूखुंबा जिला में खुंबा पसांग ल्हामू रूरल म्यूनिसिपेलिटी की कार्यकारी परिषद ने बुधवार को यह निर्णय लिया. यह आदेश एक जनवरी 2020 से लागू होगा. नेपाल अगले साल 'विजिट नेपाल' (नेपाल पधारें) अभियान भी शुरू करेगा, जिसका लक्ष्य कम से कम 20 लाख विदेश पर्यटक है.


ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल होता है प्लास्टिक


अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणविदों ने चिंता जताई है कि नेपाल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी के नाजुक पर्यावरण की रक्षा के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए हैं. रूरल म्यूनिसिपेलिटी के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गणेश घीमिरे ने कहा कि 30 माइक्रोन्स से कम मोटाई वाले प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया है.


इन वस्तुओं में प्लास्टिक के थैले, स्ट्रॉ, सोडा और पानी की बोतलें और ज्यादातर खाद्य पदार्थो को पैक करने वाली प्लास्टिक हैं. उन्होंने कहा, "कोक, फेंटा, स्प्राइट, मिरिंडा और प्लास्टिक की बोतलों में अन्य पेय पदार्थो पर प्रतिबंध रहेगा."


घिमिरे ने कहा कि कानून तोड़ने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने पर सहमति नहीं बनी है. पिछले साल 56,303 विदेशी ट्रैकर्स तथा पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट क्षेत्र का दौरा किया था.