काठमांडू: नेपाल में चल रहे राजनीतिक गतिरोध का असर अब देश की बजट पर भी दिखने लगा है. संवैधानिक रूप से तय समय पर बजट पास नहीं होने के कारण सरकार के खर्चे पर भी रोक लग गई है. नेपाल में प्रधानमन्त्री शेर बहादुर देउवा को प्रधानमंत्री पद संभाले हुए दो महीने हो गए हैं लेकिन इन दो महीनों में ना तो वो अपने कैबिनेट बना पाए हैं और ना ही बजट ही पास करवा पाए.
नेपाल की संसद में चल रहे हंगामे के बीच सरकार के वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा ने मार्शल के सुरक्षा घेरा के बीच बजट प्रतिस्थापन विधेयक तो पेश किया लेकिन विपक्षी दल के हंगामे के कारण सरकार वित्त विधेयक को पारित कराना तो दूर उस पर चर्चा भी नहीं करवा पाई.
नेपाल की पिछली सरकार ने संसद भंग करते हुए देश के आम बजट को अध्यादेश के मार्फत लेकर आई थी. लेकिन जब सर्वोच्च न्यायालय ने संसद पुनर्स्थापित किया तो देउवा सरकार ने ओली के द्वारा लाए गए बजट अध्यादेश को खारिज करते हुए प्रतिस्थापन विधेयक लेकर आई.
जब से संसद का विशेष सत्र शुरू हुआ है तब से ही ओली के नेतृत्व में रहे प्रमुख विपक्षी दल ने स्पीकर के खिलाफ लगातार संसद में हंगामा किया हुआ है और संसद को अवरूद्ध कर रहे हैं. ओली के द्वारा पार्टी से निकाले गए 14 सांसदों पर अब तक कार्रवाही नहीं किए जाने के कारण पिछले 10 दिनों से संसद लगातार अवरूद्ध हो रहा है.
नेपाल के संविधान के मुताबिक 15 सितम्बर तक हर हाल में बजट पारित हो जाना चाहिए. लेकिन विपक्षी दलों के हंगामें को कारण स्पीकर ने संसद को पांच दिनों के लिए स्थगित कर दिया है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि बजट पारित नहीं होने के बाद देश का अर्थतंत्र कैसे चलेगा?
आज संसद सत्र स्थगित होने के बाद नेपाल के वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा ने कहा कि सरकार के खर्च पर कुछ दिनों के लिए रोक लग गई है. जब तक इसका कोई समाधान नहीं हो जाता तब तक सरकार कोई खर्च नहीं कर सकती है. उनका कहना है कि अगर अगले ५-७ दिन तक सरकार खर्च नहीं करेगी तो भी चलेगा. लेकिन टैक्स उठाने को लेकर विशेष व्यवस्था होने का जिक्र भी किया.
लेकिन विपक्षी दल के सांसद का कहना है कि बजट पास नहीं होने के कारण सरकार टैक्स किस आधार पर उठाएगी? विपक्षी दल के सांसद लक्षमण लाल कर्ण का कहना है कि ये सिर्फ सरकार के खर्च की बात नहीं है बल्कि टैक्स किस आधार पर उठाएगी सरकार को उसका भी जवाब देना होगा. अबतक की परम्परा यह रही है कि इससे पहले सरकार पेशकी बजट लाती थी उसे पास किया जाता था तो बजट पास होने में देरी होने से उसका कोई असर नहीं पडता था. लेकिन यह सरकार की नाकामी है कि वो इस बार कुछ नहीं कर सकी.
सरकार विपक्षी दल पर आरोप लगा रही है कि वो बजट पास नहीं दे रहे हैं. लेकिन विपक्षी दल नेकपा एमाले संसदीय दल के उपनेता तथा पूर्व स्पीकर सुवास नेम्बांग सरकार पर ही आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि हमारे विरोध के बावजूद सरकार जो विधेयक चाह रही है वह तो पास हो ही रहा है लेकिन बजट क्यों नहीं किया गया?
नेपाल के वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा ने विपक्षी दलों से आह्वान किया है कि वो बजट विधेयक को संसद से पारित होने दे अन्यथा देश में खर्च करने की गम्भीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी.