काठमांडू: नेपाल के कार्यवाहक पीएम के पी शर्मा ओली को नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी से निकाल दिया गया है, ये फैसला पार्टी की सेंट्रल कमेटी की मीटिंग में लिया गया है. शुक्रवार को विरोधी गुट के नेताओं ने ओली की सदस्यता रद्द करने की धमकी दी थी. विरोधी गुट के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने महीने में दूसरी बार सड़कों पर उतकर ओली के खिलाफ प्रदर्शन किया. वे ओली की ओर से पिछले साल 20 दिसंबर को संसद को भंग किए जाने के फैसले से नाराज हैं. ओली ने संसद को भंग करते हुए इस साल अप्रैल मई में चुनाव कराने की घोषणा की है. ओली के इस फैसले पर राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने मुहर लगाई थी.


प्रचंड ने ओली पर दवाब बनाने के लिए किया था प्रदर्शन


बता दें कि शुक्रवार को पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले एनसीपी के धड़े ने ओली पर दबाव बनाने के लिए बड़ा प्रदर्शन किया था. इसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली द्वारा संसद को अवैध तरीके से भंग किए जाने से देश में मुश्किल से हासिल की गई संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली को गंभीर खतरा पैदा हुआ है.


एनसीपी के अपने धड़े के समर्थकों को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा कि ओली ने न सिर्फ पार्टी के संविधान और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया, बल्कि नेपाल के संविधान की मर्यादा का भी उल्लंघन किया और लोकतांत्रिक रिपब्लिक प्रणाली के खिलाफ काम किया. उन्होंने कहा कि ओली के कदमों के चलते लोग प्रदर्शन करने को विवश हुए हैं और आज, पूरा देश प्रतिनिधि सभा को भंग किए जाने के खिलाफ है. प्रदर्शन में 25 हजार से अधिक लोग शामिल हुए.


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