Nepal-China Relations: तीन ओर से भारत से घिरा देश नेपाल चीन (China) से करीबी बढ़ा रहा है. वहां की नई सरकार ने राजधानी काठमांडू में चीन-नेपाल निवेश और आर्थिक व्यापार मंच-2023 की बैठक की है. इसमें चीनी प्रतिनिधि नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' (Pushpa Kamal Dahal) से मिले. इस दौरान 'प्रचंड' ने चीन की तारीफों के पुल बांधे.
नेपाल की सरकार ने चीन की वन चाइना पॉलिसी (One China Policy) फॉलो करने की बात कही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों देशों के प्रतिनिधि 14 मार्च को काठमांडू में मिले, जहां नेपाली पीएम ने चीन के साथ व्यापार सहयोग को मजबूत करने और अधिक चीनी निवेश की आशा जताई, जिससे कि नेपाल को अपने विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिल सके. उन्होंने कहा कि चीन नेपाल का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और नेपाल के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सबसे बड़ा स्रोत देश है.
'चीन का नया कदम हमारे लिए फायदेमंद'
नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने कहा कि नेपाल को विश्वास है कि चीन की आर्थिक विकास उपलब्धियां नेपाल को अधिक अवसर प्रदान करेंगी, और संबंधित व्यापार और निवेश से नेपाल को विकसित और समृद्ध होने में मदद मिलेगी. नेपाली पीएम ने चीनी नागरिकों के आउटबाउंड सामूहिक पर्यटन को फिर से शुरू करने के लिए पायलट देश के रूप में नेपाल को शामिल करने पर चीन की प्रशंसा की.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से नेपाल की टूरिज्म इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान पहुंचा था, और चीन के नए कदम का नेपाल की टूरिज्म इंडस्ट्री पर पॉजिटिव असर पड़ेगा. नेपाली पीएम ने कहा कि उनका देश कभी भी चीन विरोधी गतिविधियां करने के लिए नेपाली जमीन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा. इस दौरान नेपाल ने चीन से और इंवेस्टमेंट का अनुरोध किया.
चीनी राजदूत ने भी नेपाल को सराहा
बीजिंग के चाइना मीडिया ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल में स्थित चीनी राजदूत छन सोंग ने अपने भाषण में कहा कि चीन चाइनीज डेवलपमेंट की एक्सप्रेस ट्रेन लेने के लिए नेपाल का स्वागत करता है और चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव और वैश्विक विकास पहल में सक्रिय भाग लेने के लिए नेपाल की सहराना करता है. बता दें कि चीन के बेल्ट एंड रोड का भारत समर्थन नहीं करता, क्योंकि यह भारत के विरुद्ध है.
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