काठमांडूः नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के एक धड़े के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने बुधवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को लेकर बड़ा बयान दिया है. प्रंचड ने ओली पर भारत के इशारे पर सत्तारूढ़ दल को विभाजित और संसद को भंग करने का आरोप लगाया है. नेपाल एकेडमी हॉल में अपने धड़े के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रचंड ने कहा, "प्रधानमंत्री ने निकट अतीत में आरोप लगाया था कि एनसीपी के कुछ नेता भारत की शह पर उनकी सरकार को गिराने की साचिश रच रहे थे."


ओली पर लगाए गए भारत से मिले होने के आरोप


प्रचंड ने कहा कि उनके धड़े ने बस इसलिए ओली को इस्तीफ देने के लिए बाध्य नहीं किया क्योंकि इससे एक संदेश जाता कि ओली का बयान सच है. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अब क्या ओली ने भारत के निर्देश पर पार्टी को विभाजित कर दिया और प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया?’’ उन्होंने कहा कि सच नेपाल की जनता के सामने आ गया.


प्रचंड ने आरोप लगाया, ‘‘ओली ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के प्रमुख सामंत गोयल के बालुवतार में अपने निवास पर किसी भी तीसरे व्यक्ति की गैरमौजूदगी में तीन घंटे तक बैठक की जो स्पष्ट रूप से ओली की मंशा दर्शाता है.’’ उन्होंने प्रधानमंत्री पर बाहरी ताकतों की गलत सलाह लेने का आरोप लगाया.


30 अप्रैल और 10 मई को होंगे चुनाव


प्रचंड ने कहा कि प्रतिनिधि सभा को भंग करके ओली ने संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था को एक झटका दिया जिसे लोगों के सात दशक के संघर्ष के बाद स्थापित किया गया था. नेपाल 20 दिसंबर को तब राजनीतिक संकट में फंस गया जब चीन समर्थक समझे जाने वाले ओली ने प्रचंड के साथ सत्ता संघर्ष के बीच अचानक प्रतिनिधि सभा भंग करने की सिफारिश कर दी.


राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उनकी अनुशंसा पर उसी दिन प्रतिनिधि सभा को भंग कर 30 अप्रैल और 10 मई को नए चुनावों की तारीख का ऐलान भी कर दिया.


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