(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Nepal Earthquake: खतरा अभी टला नहीं है, नेपाल में भीषण भूकंप दे सकता है दस्तक, जानें वजह
Nepal Earthquake News: नेपाल में शुक्रवार रात को आए तेज भूकंप के बाद भी खतरा टला नहीं है. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अब इससे भी ज्यादा विनाशकारी भूकंप आ सकता है.
Nepal Earthquake: नेपाल में शुक्रवार रात को आए तेज भूकंप में 157 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हुए हैं. भूकंप के बाद हुई तबाही का मंजर का देख लोग अभी भी दहशत में हैं. आलम यह है कि लोग अभी भी अपने घरों के भीतर जाने से डर रहे हैं और कड़ाके की ठंड में रातें सड़कों पर गुजार रहे हैं. हालांकि इसके पीछे वैज्ञानिकों की चेतावनी भी बेहद महत्वपूर्ण बताई जा रही है. दरअसल, भूकंप वैज्ञानिक ने चेतावनी जारी कहते हुए कहा है कि अभी और भयावह भूकंप दस्तक दे सकता है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले भूकंप की तीव्रता आठ या उससे अधिक हो सकती है. इसके पीछे एक्सपर्ट ने जो वजह बताई है वह बेहद ही चौंकाने वाली है. उनका कहा है कि पश्चिमी नेपाल की सतह के नीचे 500 वर्षों से भूकंपीय ऊर्जा जमा हो रही है. पिछले 520 सालों से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है ऐसे बहुत सारी ऊर्जा एकत्रित हो गई है और भूकंप उस ऊर्जा को मुक्त करने का एकमात्र माध्यम है.
भूकंप के कारण डरे हुए हैं लोग
बता दें कि शुक्रवार रात 11:47 बजे नेपाल में 6.4 तीव्रता वाला भूकंप आया, जिसका केंद्र जाजरकोट के रमीडांडा में था. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, तब से शनिवार सुबह तक 4 तीव्रता के अधिक के तीन झटके और 35 से अधिक छोटे झटके दर्ज किए गए. इन झटकों ने पश्चिमी नेपाल को झकझोर कर रख दिया. लोग इसलिए भी डरे हुए हैं क्योंकि पिछले कुछ महीनों में पश्चिमी नेपाल के ज़िलों में लगातार भूकंप आ रहे हैं.
जनवरी में 70 भूकंप के झटके महसूस किए गए
भूकंप वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी की सतह के नीचे की भारतीय प्लेट प्रति वर्ष दो सेंटीमीटर की दर से उत्तर की ओर यूरेशियन प्लेट की ओर बढ़ रही है, जिससे हिमालय क्षेत्र में भूकंपीय दरारें पैदा हो रही हैं. भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, एक जनवरी 2023 से अब तक नेपाल में 4.0 और उससे अधिक तीव्रता के कुल 70 भूकंप आए हैं. इनमें से 13 की तीव्रता पांच से छह के बीच थी जबकि तीन की तीव्रता 6.0 से ऊपर थी.
भूकंपीय ताकतें हो रहीं जमा
नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ प्रभागीय भूकंप विज्ञानी लोकविजय अधिकारी का दावा है कि भूकंप आने में जितना अधिक समय लगेगा, उतनी अधिक भूकंपीय ताक़त जमा होगी. जितने समय तक बड़ा भूकंप न आएगा, उतना ही उसके आने की आशंका ज़्यादा होगी.