Nepal Government News: नेपाल में पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) की सरकार खतरे में पड़ गई है. यहां नेपाल (Nepal) के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) की पार्टी सीपीएन-यूएमएल (CPN-UML) ने प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है.


'द काठमांडू पोस्ट' के अनुसार, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने सोमवार (27 फरवरी) की दोपहर को पार्टी के शीर्ष नेताओं की मीटिंग के बाद प्रचंड की सरकार से अलग होने की औपचारिक घोषणा की. यूएमएल के वाइस चेयरमैन बिष्णु पौडेल ने कहा, "नेपाल के प्रधानमंत्री के अलग तरीके से काम करने और राष्ट्रपति चुनाव से पहले बदले राजनीतिक समीकरण के कारण हमने सरकार से हटने का फैसला किया है."


नेपाल में सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार
प्रचंड और ओली के बीच गठबंधन टूटने का मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि माओवादी नेता ने राष्ट्रपति पद के लिए नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम चंद्र पौडेल का समर्थन करने का फैसला किया था. एक दिन पहले ही पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने राष्ट्रपति चुनाव में ओली को छोड़कर विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस से हाथ मिलाया था. उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. बिमला का जिनेवा दौरा भी रद्द कर दिया था.


रबी लामिछाने ने भी समर्थन वापस लिया था
फरवरी के पहले हफ्ते में नेपाल की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) ने भी सत्‍तारूढ़ गठबंठन से समर्थन वापस ले लिया था. राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) ने समर्थन वापसी का फैसला 5 फरवरी को तब लिया था, जब नेपाल के नए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने आरएसपी के तेजतर्रार अध्यक्ष रबी लामिछाने (Rabi Lamichhane) को गृह मंत्री के रूप में बहाल करने से इनकार किया था. 'प्रचंड' के इनकार से आरएसपी के केंद्रीय सदस्य और सांसद खफा हो गए और फिर आरएसपी के कई मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए. लामिछाने ने कहा कि वे अपने विरोधियों के सामने नहीं झुकेंगे. उन्होंने कहा था कि उन्हें जबरन पद से हटवाया गया था.



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