Nepal Govt Crisis: खतरे में आ गई जोड़-तोड़ से बनाई गई नेपाल की चीन समर्थक प्रचंड सरकार, गठबंधन से अलग हुई RSP, मंत्रियों ने दिए इस्तीफे
Nepal Political News: नेपाल में रबी लामिछाने (Rabi Lamichhane) को हाल में डिप्टी पीएम के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अयोग्य ठहराया. इसके बाद उनकी पार्टी ने सख्त रुख अपनाया है.
Nepal Government News: नेपाल से बड़ी खबर आई है. यहां जोड़-तोड़ से बनाई गई चीन समर्थक प्रचंड-सरकार खतरे में पड़ गई है. नेपाल (Nepal) की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) ने रविवार को सत्ता के गठबंठन से समर्थन वापस ले लिया. फूट पड़ने से कई मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए. नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) चिंतित हो गए. इसी के साथ सरकार संकट में आ गई.
नेपाल में फिर से राजनीतिक उठा-पटक शुरू
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, नेपाल के सत्तारूढ़ गठबंधन से हटने का फैसला राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) ने रविवार (5 फरवरी) को किया, जब प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने आरएसपी के तेजतर्रार अध्यक्ष रबी लामिछाने (Rabi Lamichhane) को हाल ही में अपनी नागरिकता फिर से हासिल करने के बाद गृह मंत्री के रूप में बहाल करने से इनकार कर दिया. 'प्रचंड' के इनकार से आरएसपी के केंद्रीय सदस्य और सांसद खफा हो गए, और फिर एक संयुक्त बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि वे सत्तारूढ़ गठबंधन से हट जाएंगे.
रबी लामिछाने, जो नेपाल के डिप्टी पीएम थे, उन्हें हाल ही में अपना पद छोड़ना पड़ गया था, नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नागरिकता को अयोग्य घोषित कर दिया था. जिसके बाद उन्हें सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था.
चौथी सबसे बड़ी पार्टी के चीफ हैं लामिछाने
48 वर्षीय लामिछाने पिछले साल नवंबर में हुए चुनाव के दौरान चितवन-2 निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे. नेपाल के सुप्रीम कोर्ट द्वारा 27 जनवरी को एक फैसले के बाद उन्होंने अपना विधायक का दर्जा खो दिया, फैसले में कहा गया था कि संसदीय चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने जो नागरिकता प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था, वह अमान्य था. इसके बाद, उन्होंने अपना मंत्रिस्तरीय पोर्टफोलियो और पार्टी की अध्यक्षता भी खो दी क्योंकि उन पदों को धारण करने के लिए नेपाली नागरिक होने की आवश्यकता है.
पीएम प्रचंड ने नहीं मांगी लामिछाने की मांग
काठमांडू पोस्ट समाचार पत्र के अनुसार, विगत 29 जनवरी को, लामिछाने ने अपनी नागरिकता फिर से हासिल कर ली, जिसके बाद उन्होंने प्रचंड से मुलाकात की और मांग की कि उन्हें उनके पूर्व कैबिनेट पद पर बहाल किया जाए. लेकिन नेपाल के प्रधानमंत्री नरम पड़ने के मूड में नहीं थे.
लामिछाने को पिछले साल 26 दिसंबर को उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री नियुक्त किया गया था. लामिछाने द्वारा शुरू की गई आरएसपी ने संघीय चुनावों में 20 सीटें जीतीं, जिससे संसद में इसकी चौथी सबसे बड़ी ताकत बन गई.
पहले पत्रकार थे लामिछाने
लामिछाने राजनेता बनने से पहले एक पत्रकार थे. 2013 में सबसे लंबे समय तक चलने वाले टॉक शो की मेजबानी के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का प्रयास करते हुए उन्होंने प्रसिद्धि हासिल की थी.
रविवार को आरएसपी की केंद्रीय कमेटी की संयुक्त बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में लामिछाने ने कहा कि पहले भी उन्हें कई विवादों में फंसाने की कोशिश की गई, लेकिन वह हमेशा इससे बचने में कामयाब रहे.
यह भी पढ़ें: कौन हैं रबी लामिछाने, जिनकी नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी PM समेत सभी पदों से करा दी छुट्टी