Nepal Airlines: नेपाल एयरलाइंस कई दिनों से भारी नुकसान का सामना कर रही है. इसकी एक वजह चीन में बने प्लेन भी है. अब नेपाल एयरलाइंस ने अपने पांच चीनी विमान को बेचने का फैसला किया है क्योंकि कोई भी इन विमानों को ठेके पर भी नहीं लेना चाहता है. इससे पहले घाटे में चल रही एयरलाइंस ने इन विमानों को ठेके पर देने की पेशकश की थी, लेकिन समय सीमा को बढ़ाने के बावजूद कोई आगे नहीं आया. जो भी चीनी विमान हैं, वो नेपाल के वित्त मंत्रालय के अंडर में हैं, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी नेपाल एयरलाइंस उनका परिचालन करती है.


काठमांडू पोस्ट अखबार ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि ब्रेकडाउन और पायलटों की कमी से 17 सीटों वाले तीन Y126 विमान और 56 सीटों वाले दो MA60 विमान नेपाल एयरलाइंस के लिए घाटे का सौदा बन चुके हैं. नेपाल एयरलाइंस काफी पहले से इन विमानों से छुटकारा पाना चाहती थी, लेकिन नौकरशाही की बाधाओं के चलते ऐसा नहीं हो सका. अब अधिकारियों को संदेह है कि कोई उन्हें खरीदेगा या नहीं.


कर्ज में डूबे एयरलाइंस


नेपाल एयरलाइंस के विमान कर्ज में डूबे  हुए हैं, जिसकी वजह से वित्तीय बोझ बढ़ता जा रहा है. नेपाल एयरलाइंस ने 8 साल पहले चीनी विमानों का पहला बैच खरीदा था. अब कर्ज में डूबे नेपाल एयरलाइंस ने तय किया कि वो वित्त मंत्रालय के निर्देश के बाद विमानों को बेच देगा. नेपाली सरकार ने साल 2012 में चीन से चार Y126 और दो MA60 विमानों के खरीद समझौते को आगे बढ़ाया था. इनमें से एक विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अब उड़ने की हालत में नहीं है, जबकि बाकी बचे पांच विमान नेपाल के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की पार्किंग में बेकार खड़े हैं.


नेपाल एयरलाइंस को पायलट की कमी


प्लेन के रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स की कमी के अलावा, नेपाल एयरलाइंस का विमान उड़ाने के लिए पायलट भी नहीं मिल रहे हैं. तमाम मुश्किलों के बाद प्लेन को रखने का कोई मतलब नहीं बन रहा है. नेपाल एयरलाइंस के कुछ अधिकारियों का कहना है कि, "उन्हें नहीं लगता कि कोई भी अब इन विमानों को ठेके पर भी लेगा." चीन ने साल 2012 में नेपाल को 6.67 अरब नेपाली रुपये यानी 408 मिलियन चीनी युआन का कर्ज मुहैया कराया था.


नेपाल ने कुल राशि में से, 180 मिलियन युआन (नेपाली 2.94 अरब रुपये) का इस्तेमाल एक MA60 और एक Y12e विमान के भुगतान के लिए किया. अन्य विमान को 228 मिलियन युआन (नेपाली रुपये 3.72 अरब) में चीन के एक्जिम बैंक से मिले सॉफ्ट लोन से खरीदा गया था. 


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