काठमांडूः भारत के साथ शुरु हुए सीमा विवाद के बीच नेपाल की राजनीति में उथल-पुथल जारी है. इस बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी ने गुरुवार 2 जुलाई को संसद का बजट सत्र स्थगित कर दिया. इसी सत्र में नेपाली संसद ने अपने नए राजनीतिक नक्शे को पास किया था, जिसमें भारतीय क्षेत्रों को अपना हिस्सा बताते हुए नक्शे में शामिल किया था और भारत के साथ सीमा विवाद को जन्म दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में हुए हालिया घटनाक्रम के बाद से पीएम ओली पर भारी दबाव है और उनके इस्तीफे को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं.


ओली आज शाम राष्ट्र को संबोधित करेंगे, दूसरी तरफ आज नेपाली कांग्रेस की बैठक हो रही है. खास बात ये है कि ओली ने प्रचंड से मिलने से इनकार कर दिया है.


पहले राष्ट्रपति से मुलाकात, फिर कैबिनेट बैठक


पीएम ओली ने गुरुवार सुबह राष्ट्रपति भंडारी के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की. ये दो दिन में ओली की राष्ट्रपति से दूसरी मुलाकात थी. इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने अपने आवास पर कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें संसद सत्र स्थगित करने की सिफारिश को मंजूरी दी गई, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार किया और सत्र स्थगित करने का फैसला किया.






इस बीच गुरुवार को ही नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की स्थाई समिति की भी बैठक हुई. पीएम ओली इस बैठक में शामिल नहीं हुए. ओली पार्टी के सह-अध्यक्ष भी हैं. उनके साथ इस पद पर नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ भी हैं, लेकिन प्रचंड ओली के खिलाफ हैं. हाल के दिनों में पार्टी में ओली के खिलाफ आवाज तेज हो गई और प्रचंड समेत पार्टी के कई नेता ओली के इस्तीफे की मांग कर चुके हैं.


भारत के खिलाफ खड़ा किया था विवाद


हाल के दिनों में ओली के नेतृत्व वाली नेपाल सरकार ने भारत के खिलाफ लगातार आक्रामक रुख अपनाया हुआ था और नया नक्शा जारी कर नेपाल ने भारत के साथ संभवतः पहली बार सीमा विवाद को शुरू कर दिया. हालांकि इस बीच नेपाल सरकार के सर्वे में सामने आया था कि चीन ने तिब्बत से लगी हुई नेपाल की सीमा पर कई हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर लिया है.


इसके बाद से ही ओली पर देश के अंदर और पार्टी के अंदर दबाव बन रहा था. हालांकि ओली ने इस हालात का ठीकरा भारत पर फोड़ने की कोशिश करते हुए आरोप लगाया था कि भारत उनको सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहा है.


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