Yeti airlines Plane Crash: साल के पहले पखवाड़े में ही नेपाल के पोखरा हवाई अड्डे के पास यात्रियों से भरा एक विमान क्रैश होकर नदी की खाई में जा गिरा था. हादसे में 5 भारतीयों समेत 71 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे की जांच के लिए गठित की गई कमेटी की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें क्रैश की वजह के बारे में जानकारी दी गई है.
येति एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या 691 ने 15 जनवरी को काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी. इसे नेपाल के मशहूर पर्यटन पोखरा के नए हवाई अड्डे पर उतरना था. इस हवाई अड्डे का साल 2023 की शुरुआत में ही उद्घाटन किया गया था. लैंडिंग से बस कुछ ही पल पहले नए और पुराने हवाई अड्डे के बीच सेती नदी की खाई में गिर गया था.
72 लोग थे सवार
विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर चालक दल के चार सदस्यों सहित 72 लोग सवार थे. बचाव अधिकारी अब तक केवल 71 शव ही बरामद कर पाए हैं. लापता यात्रियों को मृत मान लिया गया है. हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है. इसने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की है. जांच समिति के एक सदस्य ने दुर्घटना में मानवीय गलती का अंदेशा जताया है.
क्या कहती है रिपोर्ट?
प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है, "फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) के अनुसार इंजनों से संबंधित सभी रिकॉर्ड किए गए मापदंडों में कोई असमानता नहीं देखी गई." रिपोर्ट में आगे कहा गया है, "जब एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) ने 10:57:07 पर उतरने की मंजूरी दी, तो पायलट फ्लाइंग (पीएफ) ने दो बार उल्लेख किया कि इंजन से कोई पॉवर नहीं आ रही है." रिपोर्ट में बताया गया है कि दुर्घटना के समय दृश्यता 6 किमी थी और आसमान लगभग साफ था और केवल कुछ बादल थे.
एक्सपर्ट की राय
विशेषज्ञों के अनुसार, पायलटों ने गलती से कंडीशन लीवर को खींच लिया होगा, जिससे इंजन बंद हो गया. प्रत्येक लीवर इससे संबंधित इंजन के लिए ईंधन की आपूर्ति शुरू और बंद करता है और इंजन की गति को नियंत्रित करता है.
काठमांडू पोस्ट ने एक जांचकर्ता ने कहा कि उन्होंने दुर्घटना स्थल पर लीवर को नीचे खिंचा हुआ पाया. उन्होंने कहा. “हम एक विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हम यह पता नहीं लगा सकते कि इससे पहले क्या हुआ था."
अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के अनुसार किसी दुर्घटना की जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट हादसे के 30 दिनों के अंदर प्रस्तुत करनी चाहिए. वहीं, अंतिम रिपोर्ट 12 महीनों के अंदर प्रस्तुत की जानी चाहिए.
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