Nepal Plane Crash: येती एयरलाइंस, तारा एयर की पैरेंट कंपनी, 2004 के बाद चार बड़े हादसों की शिकार हुई, नेपाल में हवाई सफर में इतना खतरा क्यों?
Nepal Plane Crash News: नेपाल की प्राकृतिक बनावट थोड़ी अलग है . यहां के पहाड़, खराब नियमन और नए विमानों की कमी विमानों के उड़ान के लिए सबसे खतरनाक स्थिति बनाती है.
Nepal Plane Crash: नेपाल में चार क्रू मेंबर समेत 68 यात्रियों को लेकर जा रहा यति एयरलाइंस का ATR 72-500 विमान रविवार को क्रैश हो गया है. इस हादसे में सभी 72 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. इस हादसे के बाद नेपाल में उड़ानों के जोखिम पर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है. पिछले 30 साल में नेपाल में यह 28वां विमान हादसा है.
बता दें कि हादसे की शिकार फ्लाइट येती एयरलाइंस की थी. येती एयरलाइंस और उसकी सहायक तारा एयर के विमान हादसों का पुराना और लंबा इतिहास है. आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि AirlineRatings.com नामक वेबसाइट इनमें से किसी भी एयरलाइन को रेट नहीं करती है.
नेपाल में जो विमान ATR 72-500 हादसे का शिकार हुआ, वो ATR एयरक्राफ्ट सीरीज का हिस्सा है. इस विमान के नाम में लगा 72 इसकी पैसेंजर कैपेसिटी को बताता है. इस मॉडल का पहला विमान 1981 में बना था. बताते चलें कि 2004 के बाद से येती एयरलाइंस के चार घातक प्लेन क्रैश हो चुके हैं जिनमें आज की एटीआर 72 फ्लाइट भी शामिल है. वहीं तारा एयर में तीन घातक विमान हादसों के अलावा पांच 'गैर-घातक' घटनाएं भी शामिल हैं. दोनों एयरलाइंस पहाड़ी और बेहद जोखिम भरे हिमालय क्षेत्र में उड़ान भरती हैं.
विशेषज्ञों की माने तो दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र, खराब मौसम, पुराने विमान और अनुभवहीन पायलट नेपाल को उड़ानों के लिए सबसे खतरनाक देश बनाते हैं. नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण की 2019 की सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल के पहाड़ पायलटों के सामने ‘बड़ी चुनौती’ हैं. पिछले दस साल की बात करें तो यहां करीब 20 प्लेन क्रैश हो चुके हैं.
नेपाल में उड़ान भरना खतरनाक क्यों ?
मौत के मामले में रविवार का हादसा 11वां बड़ी दुर्घटना थी. ज्यादातर दुर्घटनाग्रस्त प्लेन तारा एयर और एक येती एयरलाइंस के रहे हैं. सवाल यह है कि आखिर नेपाल में इतने विमान हादसे क्यों होते हैं. दरअसल, यहां उड़ान भरना मुश्किल और खतरनाक इसलिए होता है क्योंकि नेपाल की प्राकृतिक बनावट थोड़ीअलग है . यहां के पहाड़, पुअर रेगुलेशन यानी खराब नियमन और नए विमानों की कमी विमानों के उड़ान के लिए नेपाल को सबसे खतरनाक देश बनाती है.
काबिल स्टाफ की कमी
विमान क्रैश होने की दूसरी वजहों में बेहतर रडार तकनीक की कमी होना है. इसकी वजह से पायलटों को दुर्गम इलाके और मुश्किल मौसम में नेविगेट करना मुश्किल हो जाता है.
पहाड़ भी बनाते हैं नेपाल में हवाई सफर को खतरनाक
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट समेत 14 में से आठ सबसे ऊंचे पहाड़ नेपाल में स्थित हैं. दुनिया का सबसे खतरनाक एयरपोर्ट भी नेपाल में ही है. लुक्ला शहर में स्थित एयरपोर्ट को सबसे खतरनाक कहने के पीछे ठोस कारण है. पहाड़ों के बीच चट्टान को काटकर बनाए गए रनवे पर प्लेन लैंड करना बिल्कुल आसान नहीं है. रनवे के एक तरफ पहाड़ है तो दूसरी तरफ खाई इसलिए जरा सी चूक किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है.
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