एक्सप्लोरर

चीन के चंगुल में फिर न फंस जाए नेपाल, 'भारत के दोस्त' देउबा क्यों नहीं ठोक रहे सरकार बनाने का दावा?

देउबा सरकार बनाने के लिए गठबंधन के सहयोगियों को मनाने में जुटे हैं. वहीं पार्टी के भीतर उनके नेतृत्व के खिलाफ आंतरिक बगावत हो गई है. इधर, नेपाल के राष्ट्रपति ने 25 दिसंबर तक सरकार बनाने के लिए कहा है.

नेपाल में आम चुनाव के बाद सरकार गठन को लेकर पिछले एक महीने से सियासी संकट जारी है. 89 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद नेपाली कांग्रेस ने अब तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है. इसकी वजह है- पूर्व प्रधानमंत्री और माओइस्ट सेंटर के प्रमुख पुष्प कमल दहल प्रचंड.

2015 में संविधान लागू होने के बाद से अब तक नेपाल में 5 बार प्रधानमंत्री बदले जा चुके हैं. हाल ही में हुए चुनाव में नेपाल की जनता ने कांग्रेस और माओइस्ट सेंटर वाली गठबंधन को पूर्ण बहुमत दिया, जिसके बाद माना जा रहा था कि सरकार स्थिर रहेगी और 5 साल तक काम करेगी. 

नेपाल पॉलिटिक्स में किन-किन पार्टियों का असर है...
लोकतंत्र लागू होने के बाद नेपाल में कई राजनीतिक पार्टियों का गठन हुआ. इनमें शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस, केपी शर्मा ओली की CPN (UML), प्रचंड की माओइस्ट सेंटर, माधव नेपाल की यूनिफाइड सोशलिस्ट और उपेंद्र यादव की PSPN है.

इसके अलावा कई छोटी-छोटी पार्टियां भी नेपाल पॉलिटिक्स में दखल रखती है. इनमें रवि लछिमाने की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी, महंथ ठाकुर की लोकतांत्रिक समाजवादी शामिल है. 


चीन के चंगुल में फिर न फंस जाए नेपाल, 'भारत के दोस्त' देउबा क्यों नहीं ठोक रहे सरकार बनाने का दावा?

नेपाल में चुनाव कैसे होते हैं?
नेपाल असेंबली को हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव कहते हैं. 275 सीटों में से 165 सीटों पर डायरेक्ट चुनाव कराए जाते हैं, जबकि 110 सांसदों को लोकल रिप्रजेंटेटिव चुनते हैं. दोनों के चुनाव में इस बार नेपाली कांग्रेस नीत गठबंधन ने बाजी मारी है. 

फिर संकट क्यों जारी है, 3 वजहें

1. प्रचंड की नजर प्रधानमंत्री कुर्सी पर- नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन में शामिल पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड ने प्रधानमंत्री कुर्सी पर दावा ठोक दिया है. प्रचंड का कहना है कि पहले ढाई साल उसे प्रधानमंत्री बनने का मौका मिले. नेपाली कांग्रेस के नेता इसके लिए तैयार नहीं हैं. हालांकि, चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच ढाई-ढाई साल के लिए प्रधानमंत्री बनाने का समझौता हुआ था. 

2. सरकार में भागीदारी का मसला- गठबंधन दलों में सत्ता में भागीदारी को लेकर रस्साकसी अब भी जारी है. यूनिफाइड सोशलिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति कुर्सी और माओइस्ट सेंटर ने उपराष्ट्रपति पद पर दावा किया है, जिसे सुलझाना आसान नहीं हैं. 

3. नेपाली कांग्रेस में लामबंदी- नेपाली कांग्रेस के भीतर ही प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के खिलाफ पार्टी के नेता लामबंद हो गए हैं. कद्दावर नेता शेखर कोइराला और गगन थापा ने मिलकर पार्टी में आंतरिक चुनाव कराने की मांग कर दी है. नेपाल मीडिया के मुताबिक दोनों की लामबंदी ने देउबा की टेंशन बढ़ा दी है. 

भारत के लिए चिंता की बात क्यों, 3 प्वाइंट्स

  • भारत और नेपाल के बीच 2021 में कालापानी और लिपुलेख दर्रा को लेकर विवाद हुआ. उस वक्त चीन समर्थक कोली प्रधानमंत्री थे. ओली की सत्ता जाने के बाद देउबा प्रधानमंत्री बने. देउबा भारत समर्थक हैं, ऐसे में विवाद अभी शांत है. 
  • भारत और नेपाल के बीच कई व्यापारिक समझौते हैं. अगर वहां देउबा की वजह ओली की पार्टी की सरकार बनती है, तो मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. चीन के चंगुल में फंसकर ओली कुछ भी फैसला कर सकते हैं.
  • सीमाई इलाकों के लोगों (मधेश) की मांग को लेकर भारत लगातार मुखर है. नेपाल में मधेश को बहुत से अधिकार नहीं मिले हैं. देउबा ने इसे हल करने की बात कही है. 

प्रचंड कौन हैं, नेपाल पॉलिटिक्स पर कितना असर?

1954 में नेपाल के चितवन में जन्मे पुष्प कमल दहल की राजनीतिक शुरुआत माओवादी आंदोलन से हुई है. 18 साल की उम्र में ही प्रचंड माओवादी आंदोलन से जुड़ गए और गोरखा जिले की कमान संभाल ली. 

नेपाल की शाही सरकार से वारंट निकलने के बाद करीब 12 सालों तक प्रचंड अंडर ग्राउंड रहे. 1990 के दशक में माओवादियों और सरकार के बीच समझौते के बाद प्रचंड बाहर आए. 1992 में प्रचंड को नेपाली कम्युनिष्ट पार्टी का महासचिव बनाया गया.


चीन के चंगुल में फिर न फंस जाए नेपाल, 'भारत के दोस्त' देउबा क्यों नहीं ठोक रहे सरकार बनाने का दावा? (Photos- Social Media)

2008 में प्रचंड पहली बार प्रधानमंत्री बने, हालांकि, 9 महीने के भीतर ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इसकी बड़ी वजह मधेश आंदोलन था. 2016 में प्रचंड ने दूसरी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली, लेकिन संविधान को लेकर हुए बवाल की वजह से उन्हें इस बार भी इस्तीफा देना पड़ा.

प्रचंड की पार्टी नेपाल के तराई इलाकों में गहरा असर रखती है. बागमती और कर्नाली इलाके में मजबूत पकड़ होने की वजह से ही प्रचंड हर चुनाव के बाद किंगमेकर की भूमिका में आ जाते हैं. 

कभी चीन के करीबी, अब भारत के साथ
माओवादी आंदोलन के समय से ही प्रचंड पर चीनी नेता माओत्से का गहरा प्रभाव था. नेपाल में जब लोकतंत्र आई तो प्रचंड चीन सरकार के करीब हो गए. हालांकि, चीन के करीब होने के बावजूद उन्हें नेपाल में ज्यादा दिनों तक सत्ता नहीं मिल पाई. 


चीन के चंगुल में फिर न फंस जाए नेपाल, 'भारत के दोस्त' देउबा क्यों नहीं ठोक रहे सरकार बनाने का दावा?

2021 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी ओली की वजह से भारत और नेपाल के बीच विवाद हुआ तो प्रचंड ने समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया. उस वक्त प्रचंड को मनाने के लिए नेपाल में चीनी राजदूत काफी सक्रिय रहीं, लेकिन प्रचंड ने देउबा को समर्थन दे दिया. 

वेट एंड वॉच में ओली, दावा ठोक सकते हैं
2021 में सत्ता से रुखसत होने के बाद केपी शर्मा ओली पूरे दमखम के साथ इस बार चुनाव मैदान में उतरे थे. चुनाव में उनकी पार्टी को 78 सीटें मिली हैं. साथ ही उनके गठबंधन सहयोगी PSPN ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की है. ऐसे में अगर देउबा और प्रचंड में बात नहीं बनती है तो ओली सरकार बनाने का दावा भी ठोक सकते हैं. 

सरकार किसकी बनेगी, चीन की भी नजर
नेपाल में सरकार किसकी बनेगी, इस पर भारत और चीन दोनों की नजर है. चीन ने 2017 में नेपाल से बेल्ट एंड रोड इनिसिएटिव (BRI) समझौता किया था. इस समझौते के तहत तिब्बत के ल्हासा से काठमांडु तक सड़क और रेललाइन का निर्माण होना है. चीन ने 2021 में एक बयान में कहा कि नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पा रहा है. 

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Jaffar Express Hijack: पाकिस्तान ने अपने लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया? ट्रेन हाईजैक में 21 नहीं 214 बंधक मरे! जानें BLA ने क्या-क्या कहा
पाकिस्तान ने अपने लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया? ट्रेन हाईजैक में 21 नहीं 214 बंधक मरे! जानें BLA ने क्या-क्या कहा
World Future Prediction: 2026 में किस तारीख को खत्म हो रही दुनिया? भविष्यवाणी ने डराया
2026 में किस तारीख को खत्म हो रही दुनिया? भविष्यवाणी ने डराया
इस मुस्लिम एक्ट्रेस का साउथ के शादीशुदा सुपरस्टार पर आ गया था दिल, 15 साल चला अफेयर फिर भी  53 की उम्र में तन्हा गुजार रही जिंदगी
इस मुस्लिम एक्ट्रेस का साउथ के शादीशुदा सुपरस्टार पर आ गया था दिल, लेकिन 53 की उम्र में भी है तन्हा
आज WPL 2025 का फाइनल, MI और दिल्ली में खिताबी भिड़ंत; जानें प्लेइंग इलेवन, पिच रिपोर्ट और मैच प्रिडिक्शन
आज WPL 2025 का फाइनल, MI और दिल्ली में खिताबी भिड़ंत; जानें प्लेइंग इलेवन, पिच रिपोर्ट और मैच प्रिडिक्शन
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Amir Khan Birthday Special: 'मुझे परफेक्शन में नहीं जादू में इंटरेस्ट है' - आमिर खान | ABP NewsHoli 2025: होली का हुड़दंग..सपना चौधरी के संग ! | ABP NewsSandeep Chaudhary : संभल, UP Election का अगला एपिसेंटर ? । Sambhal Juma Vs Holi । Anuj ChaudharyHoli Celebration: शांति व्यवस्था कायम...कौन हैं संभल के 'नायक'? | Juma

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Jaffar Express Hijack: पाकिस्तान ने अपने लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया? ट्रेन हाईजैक में 21 नहीं 214 बंधक मरे! जानें BLA ने क्या-क्या कहा
पाकिस्तान ने अपने लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया? ट्रेन हाईजैक में 21 नहीं 214 बंधक मरे! जानें BLA ने क्या-क्या कहा
World Future Prediction: 2026 में किस तारीख को खत्म हो रही दुनिया? भविष्यवाणी ने डराया
2026 में किस तारीख को खत्म हो रही दुनिया? भविष्यवाणी ने डराया
इस मुस्लिम एक्ट्रेस का साउथ के शादीशुदा सुपरस्टार पर आ गया था दिल, 15 साल चला अफेयर फिर भी  53 की उम्र में तन्हा गुजार रही जिंदगी
इस मुस्लिम एक्ट्रेस का साउथ के शादीशुदा सुपरस्टार पर आ गया था दिल, लेकिन 53 की उम्र में भी है तन्हा
आज WPL 2025 का फाइनल, MI और दिल्ली में खिताबी भिड़ंत; जानें प्लेइंग इलेवन, पिच रिपोर्ट और मैच प्रिडिक्शन
आज WPL 2025 का फाइनल, MI और दिल्ली में खिताबी भिड़ंत; जानें प्लेइंग इलेवन, पिच रिपोर्ट और मैच प्रिडिक्शन
क्या डाइटिंग भी ले सकती है जान? अगर आप पर भी है दुबले होने का भूत सवार तो जान लें ये काम की बात
अगर आप पर भी है दुबले होने का भूत सवार तो जान लें ये काम की बात
रीढ़ की हड्डी में हमेशा रहता है दर्द तो अपनी लाइफस्टाइल में कुछ खास जरूर सुधार करें
रीढ़ की हड्डी में हमेशा रहता है दर्द तो अपनी लाइफस्टाइल में कुछ खास जरूर सुधार करें
जेल में ही रहेंगी रान्या राव, कोर्ट ने खारिज की सोना तस्करी मामले में जमानत याचिका
जेल में ही रहेंगी रान्या राव, कोर्ट ने खारिज की सोना तस्करी मामले में जमानत याचिका
Holi Bhai Dooj 2025: होली के बाद भाई दूज क्यों मनाई जाती है ? ये मार्च में कब है, डेट मुहूर्त जानें
होली के बाद भाई दूज क्यों मनाई जाती है ? ये मार्च में कब है, डेट मुहूर्त जानें
Embed widget