Nepal Elections 2022: नेपाल की 3 बड़ी राजनीतिक पार्टियां और उनके चीफ... जो तय करते हैं देश का भविष्य
Nepal General Elections 2022: नेपाल की राजनीति कुछ दिनों बाद कितनी बदलेगी ये तो 20 नवंबर के बाद पता चलेगा, लेकिन कई राजनीतिक पार्टियां ऐसी हैं जो नेपाल की दिशा और दसा तय करती हैं.
Nepal Politics: नेपाल की राजनीति में बड़े बदलाव के आसार की ओर देखते हुए देश की जनता अपना मुस्तकबिल चुनेगी. देश की जनता एक स्थिरता चाहती है और इसी को मद्देनजर रखते हुए वोट भी पड़ने वाले हैं. यहां 20 नंवबर को मतदान होने वाला है. नेपाल की राजनीति की एक खास बात रही है कि यहां कभी कोई प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया. भारत की तरह यहां भी 5 साल का ही कार्यकाल होता है.
जिस तरह से हर देश में जनता को अपना देश का नेता चुनने का अधिकार होता है, वैसे ही नेपाल में भी ये अधिकार है. इस बार बड़ी-बड़ी राजनीतिक पार्टियां छोटे-छोटे दलों के साथ मिल चुनाव लड़ रही हैं. यहां सियासी पारा चढ़ा हुआ है. सबसे बड़ी चीज ये है कि नेपाल की राजनीति में एक ठहराव की जरूरत है, फिर भी अनुमानों में अंदाजा लगाया जा रहा है कि यहां पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बन रही है.
ये राजनीतिक पार्टियां हैं मुख्य दल?
नेपाल की 3 प्रमुख पार्टियां...
- नेपाली कांग्रेस
- कम्युनिस्ट यूनिफाइड मार्क्सवादी-लेनिनिस्ट (यूएमएल) पार्टी
- माओइस्ट सेंटर हैं
इन पार्टियों ने अतीत में अलग-अलग गठबंधनों का नेतृत्व किया है. हालांकि, सत्ता संघर्ष और अंदरूनी कलह की वजह से किसी ने भी कार्यकाल के 5 साल पूरे नहीं किए. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल (नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी. इस बार कई नए राजनीतिक दल और कई निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं, जो प्रमुख राजनीतिक दलों के कुछ दिग्गजों को कड़ी चुनौती दे रहे हैं.
सीपीएन (एमसी) के प्रमुख पूर्व प्रधानमंत्री पुष्क कमल दहल उर्फ प्रचंड हैं, जो खुलेआम दावा करते हैं कि उन्होंने सरकार बनाने और गिराने में अहम भूमिका निभाई है. हालांकि, इस बार सीपीएन-एमसी ने भी राजनीतिक स्थिरता को प्राथमिकता देने का वादा किया है. नेपाली संसद के निचले सदन 275 सदस्यीय प्रतिनिधिसभा के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा.
नेपाल की राजनीतिक पार्टियां और उनके प्रमुख
- नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी यानि यूएमल... जिसके नेता हैं खड्ग प्रसाद शर्मा ओलिक
- नेपाली कांग्रेस.... जिसके नेता हैं शेर बहादुर देउब
- नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी-केंद्र)...जिसके नेता हैं पुष्प कमल दहाली
- पीपुल्स सोशलिस्ट पार्टी (जनता पार्टी)...जिसके नेता मंहत ठाकुर और उपेंद्र यादव
नेपाली कांग्रेस गठबंधन की सरकार
नेपाल में नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में पार्टियां शामिल हैं. गठबंधन सरकार में शामिल दलों में नेपाली कांग्रेस, राष्ट्रीय जन मोर्चा, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड सोशलिस्ट) और जनता समाजवादी पार्टी शामिल है. पिछले आम चुनाव में तकरीबन 90 प्रतिशत वोट इन दलों के हिस्से में गए थे, जबकि 10.37 फीसदी वोट दूसरे दलों को मिले थे. उनमें से कोई भी दल अकेले 3 प्रतिशत वोट नहीं पा सका था, इसलिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व वाली सीट पाने से वे तमाम पार्टियां वंचित रह गईं. इसका फायदा 5 बड़े दलों को मिला.
नेपाल और राजनीतिक स्थिरता
राजनीतिक विश्लेषक राजेश अहिराज के मुताबिक, इस बार चुनाव को लेकर लोगों में उत्साह कम है. उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव के बाद देश में शांति और राजनीतिक स्थिरता कायम होने की संभावना नहीं है. चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलने की संभावना नहीं है और उन्हें नई सरकार बनने में काफी समय लगेगा और बातचीत के जरिए सरकार बनने के बाद भी स्थिरता कायम होने की संभावना नहीं है.
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