नक्शा विवाद के बाद नेपाल का पहला उच्च स्तरीय दौरा, विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली की आज दिल्ली आमद, वैक्सीन-सीमा विवाद पर हो सकती है चर्चा
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली दिल्ली में होने वाले ज्वाइंट कमीशन की मीटिंग में सहभागी होने वाले हैं. इस द्विपक्षीय बैठक में नेपाल के चौतरफा विकास में भारत के सहयोग से चल रहे परियोजना और अन्य कामों की समीक्षा की जाएगी.
काठमांडू: नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली का आज से भारत दौरा शुरू हो रहा है. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के विशेष संदेशवाहक के रूप में विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली दिल्ली रवाना हो रहे हैं. दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर वो ओली का संदेश देने वाले हैं. दोनों देशों के बीच नक्शा विवाद होने के बाद नेपाल की तरफ से यह पहला उच्च स्तरीय दौरा आज से शुरू होने जा रहा है.
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली दिल्ली में होने वाले ज्वाइंट कमीशन की मीटिंग में सहभागी होने वाले हैं. इस द्विपक्षीय बैठक में नेपाल के चौतरफा विकास में भारत के सहयोग से चल रहे परियोजना और अन्य कामों की समीक्षा की जाएगी. नेपाल के विदेश मंत्री के दिल्ली दौरे का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य कोरोना वैक्सीन हासिल करना भी है. विदेश मंत्री ज्ञवाली के साथ में स्वास्थ्य सचिव भी दिल्ली भ्रमण दल में शामिल हैं जो कोरोना वैक्सिन पर होने वाले किसी समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं.
नेपाल के तरफ से करीब 1 करोड़ 20 लाख वैक्सीन की डिमांड की जाने वाली है. नेपाल में भारत की वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ हुए टेलीफोन वार्ता और वीडियो कांफ्रेसिंग में यह आश्वासन दिया था कि भारत में वैक्सीन तैयार होने के साथ ही नेपाली नागरिकों को प्राथमिकता के साथ कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी.
सीमा विवाद पर भी हो सकती है बातचीत
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली ने संकेत दिया है कि द्विपक्षीय वार्ता के दौरान वो नेपाल के जरिए जारी किए गए नए राजनीतिक नक्शे पर अपनी बात रखेंगे. कालापानी, लिपुलेक और लिम्पियाधुरा पर नेपाल के तरफ से दावा पेश करेंगे. हालांकि नेपाल के इस दावे को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है.
भारत का कहना है कि नेपाल ने भारतीय इलाका को समेटते हुए अपना नक्शा जारी किया है जिसे भारत स्वीकार नहीं करता है. नक्शा प्रकाशित होने के बाद से ही नेपाल और भारत के बीच राजनीतिक और कुटनीतिक रिश्ते बेहद ही खराब हो चुके थे और इतिहास में पहली बार दोनों देशों के बीच में करीब 1 साल तक संवादहीनता की स्थिति बनी रही.
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