काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' ने बुधवार को टेलीविजन पर देश के नाम संबोधन के दौरान अपने पद से इस्तीफे की घोषणा की. प्रचंड के इस कदम से नेपाली कांग्रेस के साथ समझौते के तहत नेकां अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के अगले प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त होता है.
राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को सौंपेंगे इस्तीफा
प्रचंड अब देश की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपेंगे. पिछले साल अगस्त में देउबा के समर्थन से प्रधानमंत्री बने प्रचंड ने नेपाली कांग्रेस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था, जिसके मुताबिक उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया.
फरवरी 2018 में संसदीय चुनाव होने तक संवैधानिक बाध्यता के मुताबिक, प्रचंड तथा देउबा ने बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करने पर सहमति जताई थी. समझौते के मुताबिक, प्रचंड को निकाय चुनाव होने तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहना था, जबकि प्रांतीय तथा केंद्र स्तरीय चुनाव देउबा के प्रधानमंत्रित्व काल में होंगे.
प्रचंड ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल के साथियों को सूचित किया कि वह अपना इस्तीफा पत्र सौंप देंगे, लेकिन बाद में काठमांडू में राजनीतिक अनिश्चितता का हवाला देते हुए उन्होंने इस्तीफे की योजना टाल दी थी.
निकाय चुनाव के मध्य में इस्तीफा नहीं दे सकते प्रधानमंत्री: के पी ओली
वहीं दूसरी ओर, नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के नेता के पी ओली ने मंगलवार को संसद में कहा कि निकाय चुनाव के मध्य में प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं दे सकते और उन्हें 14 जून को चुनाव के दूसरे चरण के पूरा होने तक अपने पद पर बने रहना चाहिए.
संसद के अध्यक्ष ओनसारी घार्ती ने गतिरोध दूर करने के लिए प्रचंड, ओली तथा देउबा को बैठक में बुलाया, लेकिन ओली द्वारा अपने रुख पर बरकरार रहने के कारण कोई सफलता नहीं मिली.