India Nepal Bilateral Relations: 2021 में घरेलू राजनीति के उथल-पुथल और कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित रहे नेपाल ने भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों (Bilateral Relation) को उच्च स्तरीय वार्ता और यात्राओं के साथ फिर से मजबूत करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. इसी क्रम में नए वर्ष की शुरुआत में नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा भारत दौरे पर आ रहे हैं. उनका यह दौरा पिछले वर्ष भारत के साथ सीमा विवाद के बाद निचले स्तर पर गए संबंधों को फिर से सही करने के क्रम में देखा जा रहा है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काठमांडू और नई दिल्ली में राजनयिक सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि प्रधानमंत्री देउबा ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ में भाग लेने के लिए 10 जनवरी को भारत के लिए रवाना होंगे. जहां उनकी प्रधानमंत्री मोदी से द्विपक्षीय वार्ता होने की संभावना है.
सीमा विवाद के कारण निचले स्तर पर थे भारत-नेपाल के संबंध
पिछले साल भारत-नेपाल द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करने वाले सीमा विवाद को नजरअंदाज करते हुए भारत ने जनवरी में 2021 की शुरुआत में नेपाल को कोविशील्ड टीके की 10 लाख खुराक उपहार में दी थी. यह वह समय था जब नेपाल कोरोना वायरस से जूझ रहा था.
नेपाल द्वारा लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्रों के रूप में दिखाते हुए एक नया नक्शा जारी करने के बाद 2020 में द्विपक्षीय संबंध निचले स्तर पर चले गए थे. जिस पर भारत ने काठमांडू को चेतावनी दी थी कि क्षेत्रीय दावों का ऐसा "कृत्रिम विस्तार" उसे स्वीकार्य नहीं होगा. जुलाई में नेपाली प्रधानमंत्री देउबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी. इस दौरान देशों ने सदियों पुराने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, परंपरागत और धार्मिक संबंधों पर आधारित अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर सहमत हुए थे.
ग्लासगो जलवायु परिवर्तन समिट में हुई थी मोदी-देअबा की मुलाकात
नवंबर की शुरुआत में, ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के मौके पर, प्रधानमंत्री मोदी ने देउबा के हिमालयी राष्ट्र का प्रमुख बनने के बाद पहली बार उनसे मुलाकात की थी. दोनों ही प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 का मुकाबला करने तथा महामारी से उबरने के प्रयासों पर चर्चा की थी.
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