Pushpa Kamal Dahal Prachanda Govt: नेपाल के शीर्ष राजनेताओं ने शनिवार (6 मई) को कहा कि सत्ताधारी गठबंधन की एक पार्टी के सरकार से समर्थन वापस ले लेने पर प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) को प्रतिनिधि सभा में एक बार फिर विश्वास मत हासिल करने की जरूरत नहीं है.


सीपीएन-माओवादी सेंटर (CPN-Maoist Centre) के मुख्य सचेतक हितराज पांडेय (Hitraj Pandey) ने कहा कि सत्ताधारी गठबंधन के शीर्ष नेताओं की ओर से यह निर्णय बालुवातार स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास में हुई बैठक में लिया गया.


PM आवास में हुई बैठक में शामिल हुए ये नेता


इस बैठक में पांच दलों के गठबंधन के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया जिसमें प्रचंड के अलावा नेपाली कांग्रेस (Nepali Congress) के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा (Sher Bahadur Deuba), सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट (CPN-Unified Socialist) के अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल (Madhav Kumar Nepal) और जनता समाजवादी पार्टी (Janata Samajwadi Party) के अध्यक्ष उपेंद्र यादव (Upendra Yadav) शामिल थे.


प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार के पास पर्याप्त बहुमत


पांडेय ने बताया कि रवि लामिछाने (Ravi Lamichhane) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (Rastriya Swatantra Party) की ओर से सरकार से समर्थन वापस लेने के बावजूद प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार के पास 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में पर्याप्त बहुमत है. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि प्रधानमंत्री को प्रतिनिधि सभा में फिर से विश्वासमत हासिल करने की जरूरत नहीं है.


राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने सरकार से क्यों लिया समर्थन वापस?


सत्ता के बंटवारे को लेकर प्रचंड के साथ वार्ता के विफल होने पर राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) ने शुक्रवार (5 मई) को सरकार से समर्थन वापस ले लिया और आरोप लगाया कि प्रचंड सरकार भ्रष्टाचार को दूर करने में नाकाम रही. नेपाल की संसद में आरएसपी चौथी सबसे बड़ी पार्टी है जिसके पास 22 सदस्य हैं.


यह भी पढ़ें- पाकिस्तान-चीन के विदेश मंत्रियों ने फिर अलापा कश्मीर राग, बीते दिन ही एस जयशंकर ने दिया था करारा जवाब