Nepal On India-China: 'भारत के साथ नेपाल के संबंध ऐतिहासिक', जानें किस मुद्दे पर नेपाली विदेश मंत्री ने कही ये बात
Nepal: पहली बार 2008 में PM बनने के बाद प्रचंड ने भारत आने के बजाए चीन जाना पसंद किया था, जबकि नेपाल में यह परंपरा रही है कि कोई भी शीर्ष नेता पद ग्रहण करने के बाद सबसे पहले भारत की यात्रा करता है.
Nepal On India-China: नेपाल (Nepal) के विदेश मंत्री एन.पी. सऊद (N.P. Saud) ने भारत (india) और चीन (China) के साथ अपने देश के संबंधों को और मजबूत बनाने की जरूरत को रेखांकित करते हुए सोमवार (10 जुलाई) को कहा कि पड़ोसियों से संबंधों की तुलना किसी और से नहीं की जानी चाहिए.
सऊद ने प्रतिनिधि सभा की अंतरराष्ट्रीय संबंध समिति में कहा, “हमारे दोनों पड़ोसी उभरती हुई आर्थिक शक्तियां हैं और उनका प्रभाव बढ़ रहा है. नेपाल की दोनों पड़ोसियों के साथ पारंपरिक मित्रता है, जिसे और मजबूत बनाने की जरूरत है.”
'हमें मनोवैज्ञानिक दबाव महसूस नहीं करना चाहिए'
नेपाल के विदेश मंत्री एन.पी. सऊद के कार्यालय के अनुसार, उन्होंने कहा कि पड़ोसियों से आपके संबंधों की तुलना किसी और से नहीं की जानी चाहिए. जहां तक पड़ोसी देशों के साथ नेपाल के संबंधों का सवाल है, हमें मनोवैज्ञानिक दबाव महसूस नहीं करना चाहिए और अपनी चिंताओं को पारदर्शी तरीके से सामने दिखाने करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि भारत के साथ नेपाल के संबंध ऐतिहासिक और विशेष हैं. मंत्री ने आगे कहते हुए कहा कि हमारे ओपेन बॉर्डर बिजनेस और आने-जाने जैसे सुविधाओं के कारण दक्षिणी पड़ोसी (भारत) के साथ हमारे संबंध महत्वपूर्ण हैं.
'नेपाल वन चाइना पॉलिसी को लेकर प्रतिबद्ध'
नेपाली विदेश मंत्री एन.पी. सऊद ने कहा कि नेपाल वन चाइना पॉलिसी को लेकर प्रतिबद्ध है. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि नेपाल को अपने क्षेत्र का इस्तेमाल अपने पड़ोसियों के खिलाफ नहीं करने देना चाहिए. नेपाल और चीन के बीच हस्ताक्षर किये गये बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) समझौते पर मंत्री ने कहा कि इसे अभी लागू नहीं किया गया है और इसके कार्यान्वयन के लिए चर्चा जारी है. नेपाल में बुनियादी ढांचे की कई परियोजनाओं में चीन निवेश करता रहा है.
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