काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली रविवार को संसद में राष्ट्रीय एयरलाइन कंपनी के लिए दो विमानों की खरीद मामले में धन के कथित दुरुपयोग से संबंधित मुद्दे पर बोलने वाले थे. लेकिन विपक्ष से आलोचनाएं झेलने के बाद भी वो चुप रहे.
संसद की एक उप समिति ने पिछले सप्ताह खुलासा किया था कि नेपाल एयरलाइन के लिए दो विमान की खरीद में 4.37 अरब रुपये का गबन किया गया. समिति ने पर्यटन मंत्री रविंद्र अधिकारी, पर्यटन सचिव और एयरलाइन के प्रबंध निदेशक सुगत रत्ना कांसकर और अन्य दो पूर्व मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की भी सिफारिश की थी.
संसद के अपने एक घंटे के संबोधन में ओली विमान सौदे के मुद्दे पर विपक्षियों द्वारा पूछे गए सवाल को दरकिनार करते हुए सदन को मौजूदा चालू वित्त वर्ष के पांच महीने और अर्थव्यवस्था के वर्तमान संकेतक परिदृश्य के बारे में बताया.
मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने बाद में संसद की कार्यवाही में व्यवधान पैदा किया क्योंकि सदन के अध्यक्ष कृष्ण बहादुर महारा ने प्रधानमंत्री से विमान सौदा और अन्य विवादित मुद्दों पर सवाल पूछने की अनुमति नहीं दी. अध्यक्ष ने संसद को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया.
आपको बता दें कि भारत में विमान ख़रीद के मुद्दे पर बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस की सरकार के 126 विमान के सौदे के रद्द करके मोदी सरकार ने 2015 में 36 विमानों को सौदा किया था. इस डील में प्रमुख विवादों की वजह एचएएल की जगह अनिल अंबानी को ऑफसेट पार्टनर बनाया जाना और विमान की कीमत जैसी बातें हैं.
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