Israel Iran Conflict: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का व्यक्तित्व और नेतृत्व शैली अक्सर विवादों में रही है, खासकर उनकी तुलना विंस्टन चर्चिल से करने को लेकर. नेतन्याहू की राजनीति और युद्ध के प्रति उनकी सोच उन्हें चर्चिल जैसे महान नेताओं के साथ जोड़ता है, खासकर जब वह ईरान और हमास जैसे खतरों का सामना करने की बात करते हैं. नेतन्याहू अक्सर खुद को पश्चिम का रक्षक मानते हैं, ठीक उसी तरह जैसे चर्चिल ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन की अगुवाई की थी और जीत दिलाई थी.


नेतन्याहू और 'चर्चिल कॉम्प्लेक्स'


इजरायली लेखक अरी शावित का मानना है कि नेतन्याहू खुद को विंस्टन चर्चिल की तरह एक महान नेता मानते हैं, जो इजरायल को वैश्विक संकट से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. नेतन्याहू कई मौकों पर ईरान को 21वीं सदी का नाजी जर्मनी और इजरायल को ग्रेट ब्रिटेन के रूप में बता  चुके हैं, जिसमें वह खुद को चर्चिल के समकक्ष मानते हैं.


ईरान और नेतन्याहू का दृष्टिकोण


नेतन्याहू की धारणा के अनुसार, ईरान एक ऐसा खतरनाक देश है, जो 21वीं सदी का नाजी जर्मनी है और इजरायल को उसी तरह से वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति बनानी चाहिए जैसे ब्रिटेन ने चर्चिल के नेतृत्व में की थी. उनका यह भी मानना है कि इजरायल उनके कद के हिसाब से एक छोटा देश है, लेकिन वह इसे दुनिया के मानचित्र पर एक मजबूत स्थिति में लाना चाहते हैं.


नेतन्याहू की आलोचना


हालांकि नेतन्याहू के समर्थक उन्हें एक मजबूत और दृढ़ नेता मानते हैं, लेकिन कई बार उनकी आलोचना भी हुई है, खासकर गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ सैन्य अभियानों के दौरान उनके नेतृत्व में हुए संघर्षों के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई हैं, जिसके कारण उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ा है. वहीं, गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों के चलते अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों ने भी इजरायल की कड़ी आलोचना की है.


चर्चिल और भारतीयों के प्रति विचार


चर्चिल ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीयों की नेतृत्व क्षमता पर कभी भरोसा नहीं जताया और माना कि भारतीय अपने देश का सही से संचालन नहीं कर सकते. उनकी नीतियों के कारण बंगाल में 1943 का भीषण अकाल पड़ा, जिसमें लाखों लोगों की मौत हुई. हालांकि नेतन्याहू को चर्चिल के रूप में देखा जाता है, लेकिन उनके नेतृत्व के दौरान इजरायल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिनमें नागरिक हताहतों की संख्या भी शामिल है.


नेतन्याहू और इजरायली जनता की नाराजगी


इजरायली जनता के बीच नेतन्याहू की लोकप्रियता कई बार घटती-बढ़ती रही है, खासकर जब इजरायल पर हमले होते हैं और नेतन्याहू के लीडरशिप पर सवाल उठाए जाते हैं. 7 अक्टूबर के हमले के बाद से इजरायली जनता ने कई बार नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन किए हैं, यह बताते हुए कि नेतन्याहू की बयानबाजी और उनकी सैन्य नीति में अंतर है.


कौन हैं विंस्टन चर्चिल? 


विन्सटन चर्चिल को दुनिया का सबसे महान अंग्रेज राजनीतिज्ञ करार दिया जाता है. दूसरे विश्वयुद्ध के समय चर्चिल इंगलैंड के प्रधानमंत्री थे. विन्सटन चर्चिल के बारे में कहा जाता है कि वे प्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ और प्रखर वक्ता थे. साथ ही इतिहासकार,लेखक, कलाकार और वह सेना में अधिकारी भी रह चुके थे. वह एकमात्र पीएम थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.


विश्व युद्ध के दौरान चर्चिल ने अपने नेतृत्व कौशल और शातिर चालों  से अंग्रेजों को जीत दिलाई, लेकिन भारत को लेकर उनकी राय बेहद निचले दर्जे की थी. चर्चिल कहा करते थे कि "अगर भारत का नेतृत्व भारतीयों को सौंप दिया जाएगा तो इंडियन कभी इस देश को नहीं चला पाएंगे"


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