Super-Earth: पृथ्वी से 40 फीसदी बड़ा सुपर अर्थ, इंसान के रहने लायक एक और पृथ्वी की उम्मीद
Super Earth Type Planets: अन्तरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने पृथ्वी जैसे ग्रह सुपर अर्थ (Super-Earth) खोज डाले हैं. इनमें से एक ग्रह को पृथ्वी की तरह ही इंसान के रहने लायक माना जा रहा है.
Super Earth Type Planets Discovered: अन्तरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों (International Team) की एक टीम ने दो नए सुपर पृथ्वी (Super-Earth) की तरह ग्रह (Planets) खोज डाले हैं. जो हमारी पृथ्वी से लगभग 100 प्रकाश वर्ष (Light-Years) दूर हैं. उम्मीद की जा रही है कि इनमें से एक बिल्कुल पृथ्वी की तरह ही इंसान के रहने लायक हो सकता है.हमारे सौर मंडल (Solar System) के किसी भी अन्य ग्रह की तुलना में अभी तक पृथ्वी से बड़े जिन 1,600 सुपर अर्थ के बारे में जानकारी है, ये सुपर अर्थ बर्फीले ग्रहों यूरेनस (Uranus) और नेपच्यून (Neptune) से हल्के हैं. बेल्जियम (Belgium) के लिऐज विश्वविद्यालय (University of Liège) के शोधकर्ताओं ने ये खोज की है.
इंसान की पृथ्वी जैसा एक ग्रह
बेल्जियम (Belgium) के लिऐज विश्वविद्यालय (University of Liège) के शोधकर्ताओं ने बुधवार को बताया कि उन्होंने पृथ्वी-आधारित दूरबीनों का इस्तेमाल पृथ्वी जैसे ग्रह को खोजने के लिए किया. ये ग्रह बिल्कुल वैसा ही जैसे नासा ने खोजा था. गौरतलब है कि इसी तरह का ग्रह शुरू में नासा उपग्रह (NASA Satellite) ने इसी सौर मंडल (Solar System) में खोजा था.गौरतलब है कि नासा के उपग्रह ने इस सौरमंडल में ग्रह एलपी 890-9 बी (LP 890-9b) खोजा था. जो पृथ्वी से लगभग 30 फीसदी बड़ा है और केवल 2.7 दिनों में सूर्य की परिक्रमा करता है. लिऐज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस ग्रह को करीब से देखने के लिए चिली (Chile) और स्पेन (Spain) में अपने उच्च परिशुद्धता कैमरों के साथ स्पेकलूज (Search For Habitable Planets EClipsing ULtra-COOl Stars-SPECULOOS) दूरबीन का इस्तेमाल किया है. यह दूरबीन सौरमंडल में रहने लायक ग्रहों की खोज करने के लिए इस्तेमाल में लाई जाती है. तभी इन स्टारगेज़र्स ने एक और ग्रह एलपी 890-9c (LP 890-9c) की खोज की. इसका नाम बदलकर यूलिऐज शोधकर्ताओं ने इसे स्पेकलूज -2 सी (SPECULOOS-2c ) नाम दिया. यह पृथ्वी से 40 फीसदी बड़ा है और यह अपने सूर्य की परिक्रमा करने में करने में 8.5 दिन लेता है.
सुपर-अर्थ में पानी की संभावना
स्पेन के इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ऑफ आंदालुसिया के एक शोधकर्ता और पेपर के मुख्य सह-लेखकों में से एक फ्रांसिस्को पॉज़ुएलोस (Francisco Pozuelos) ने एक प्रेस रिलीज में बताया है कि यह नया ग्रह अपने सूर्य से महज 3.7 मिलियन मील की दूरी पर होने के बावजूद जीवन के लिए मुफीद हो सकता है. इसकी सूर्य से और हमारी पृथ्वी की सूर्य से दूरी की तुलना की जाए तो हमारी पृथ्वी हमारे सूर्य से 93 मिलियन मील की दूरी पर है. पॉज़ुएलोस ने कहा, "हालांकि यह ग्रह अपने तारे के बहुत करीब परिक्रमा करता है, हमारे सूर्य के चारों ओर बुध की तुलना में लगभग 10 गुना कम दूरी पर, इसे मिलने वाले तारकीय विकिरण की मात्रा अभी भी कम है, और ग्रह की सतह पर तरल पानी की मौजूदगी की मंजूरी दे सकती है, बशर्ते इसमें पर्याप्त वातावरण हो." उन्होंने आगे कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि तारा एलपी 890-9 ( LP 890-9) सूर्य से लगभग 6.5 गुना छोटा है और इसकी सतह का तापमान हमारे तारे से आधा है."
कैसे होती है ग्रहों की खोज
नासा का ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट -टीईएसएस (Transiting Exoplanet Survey Satellite -TESS) हजारों सितारों के प्रकाश स्तर की निगरानी करके आस-पास के सितारों की परिक्रमा करने वाले एक्सोप्लैनेट यानी सौरमंडल से बाहर रहने वाले ग्रहों की खोज करता है. नए ग्रहों की खोज तब की जाती है जब कोई ग्रह उन तारों में से किसी एक के सामने से गुजरता है, जिससे प्रकाश की निगरानी कम हो जाती है. यूलिऐज (ULiège) वैज्ञानिक तब ग्रहों की पुष्टि और विशेषता के लिए जमीन पर आधारित दूरबीनों के साथ नासा (NASA) के निष्कर्षों का पालन करते हैं.
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