न्यूजीलैंड, दुनिया का दूसरा ऐसा देश बन गया है  जो किसी भी स्थिति में गर्भपात के शिकार हुए वर्कर्स को पेड लीव देगा. बुधवार को सांसदों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. यानी न्यूजीलैंड में अब प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी अवस्था में गर्भपात होने पर कानून के तहत कर्चमारियों को तीन दिन का अवकाश मिल सकेगा. द बेरेवमेंट बिल' के टाइटल से  नया कानून उन माताओं और उनके पार्टनर जो गर्भपात या स्टिलबर्थ से पीड़ित हैं, उन्हें 3 दिन की पेड लीव देता है.


सांसद गिन्नी एंडरसन ने बिल को लेकर ये कहा


बिल पेश करने वाली लेबर सांसद गिन्नी एंडरसन ने कहा कि न्यूजीलैंड इस तरह का बेनिफिट देने वाला  उनकी समझ से दूसरा देश होगा. भारत गर्भपात के बाद महिलाओं को छह सप्ताह की छुट्टी देता है. उन्होंने कहा कि मैं केवल ये आशा कर सकती हूं कि जब हम पहले में से एक हो सकते हैं, तो हम आखिरी में से एक नहीं होंगे, और यह कि अन्य देश भी एक दयालु और निष्पक्ष छुट्टी प्रणाली के लिए कानून बनाना शुरू कर देंगे जो उस दर्द और दुःख को समझेंगे जो गर्भपात की वजह से माता-पिता को झेलना पड़ता है.


इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि छुट्टी का प्रावधान माताओं, उनके पार्टनर्स और उन सभी पैरेंट्स पर लागू होता है जिनकी बच्चा गोद लेने या सरोगेसी के माध्यम से बच्चा पैदा करने की योजना है. एंडरसन ने अपने बयान में ये भी कहा कि न्यूजीलैंड की चार में से एक महिला का गर्भपात हो चुका है.


गर्भपात के दर्द से गुजर रहे दंपतियो के लिए अच्छा कदम


विशेषज्ञों का कहना है कि यह उन माता-पिता के लिए काफी कारगर होगा जिन्हें गर्भपात के दर्द से गुजरना पड़ा है. ऐस में वे छुट्टी से होने वाले नुकसान के बारे में सोचे बिना मिसकैरिज जैसे अघात से उबरने की कोशिश कर सकेंगे. बता दें कि न्यूजीलैंड महिलाओं को मतदान का अधिकार देने वाला दुनिया का पहला देश भी है और महिला अधिकारों के आसपास के मुद्दों पर अग्रणी भी रहा है.


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