(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
New Zealand Earthquake: न्यूजीलैंड में शक्तिशाली भूकंप से कांपी धरती, 7.1 तीव्रता के झटके महसूस किए गए
न्यूजीलैंड में शक्तिशाली भूकंप से कांपी धरती, 7.1 तीव्रता के झटके महसूस किए गए. बीच समुद्र में आए इतने शक्तिशाली भूकंप के बाद आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में सुनामी आ सकती है.
New Zealand Earthquake: न्यूजीलैंड में गुरुवार (16 मार्च) को भूकंप के 7.1 तीव्रता के झटके महसूस किये गये.दुनिया में होने वाली भूकंपीय गतिविधि पर नजर रखने वाली संस्था यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक न्यूजीलैंड के केरमाडेक द्वीप समूह में 7.1 तीव्रता का भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई में आया है. इतने शक्तिशाली भूकंप से क्या नुकसान पहुंचा है, हम इसका इंतजार कर रहे हैं.
यूएसजीएस के एक बयान के मुताबिक, गुरुवार (16 मार्च) सुबह न्यूजीलैंड के उत्तर में स्थित केरमाडेक द्वीप समूह क्षेत्र में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप 10 किमी की गहराई पर था. चूंकि भूकंप समुद्र में आया है ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप के एपिकसेंटर से 300 किलोमीटर के दायरे में सुनामी आ सकती है.
Notable quake, preliminary info: M 7.0 - Kermadec Islands region https://t.co/zwWR2PZJfQ
— USGS Earthquakes (@USGS_Quakes) March 16, 2023
इससे पहले पिछले महीने ही तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप ने हजारों लोगों की जान ले ली थी. यएन और तुर्किये दोनों ने ही इसे सदी का सबसे बड़ा भूकंप बताया था.
संयुक्त राष्ट्र ने भूकंप को लेकर भारी तबाही मचाई थी. इस भूकंप से 11 सबसे ज्यादा प्रांतों में कम से कम 9.1 मिलियन लोगों के प्रभावित होने की आशंका है. ओसीएचए ने तुर्की आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्रेसीडेंसी (एएफडीए) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, भूकंप के नौ दिन बाद बुधवार तक, तुर्की में 35,400 से अधिक लोगों की जान चली गई और 105,500 से अधिक लोग घायल हो गए.
सीरीया-तुर्किये में भूकंप से 47 हजार इमारतें क्षतिग्रस्त
एएफएडी के मुताबिक भूकंप से सीरीया-तु्र्किये में कुल 47,000 से अधिक इमारतें नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गई हैं और 196,000 से अधिक लोगों को भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से निकाला गया है. स्कूलों, अस्पतालों और अन्य चिकित्सा, मातृत्व और शैक्षिक सुविधाओं सहित आवश्यक सेवाएं भूकंप की वजह से नष्ट हो गईं हैं. आपदा ने बच्चों और महिलाओं को विशेष रूप से प्रभावित किया है.
एक आकलन के मुताबिक सात में से केवल एक पारिवारिक स्वास्थ्य केंद्र ही काम कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के मुताबिक, 2 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है.