New Zealand Pilot Taken Hostage: इंडोनेशिया (Indonesia) के पापुआ क्षेत्र (Papua Region) में अलगाववादी लड़ाकों ने न्यूजीलैंड के एक पायलट (New Zealand Pilot) को बंधक बना लिया. इस पायलट का नाम फिलिप मार्क मेहरटेन (Pilot Philip Mark Mehrten) बताया जा रहा है. 37 वर्षीय पायलट फिलिप को उनके विमान पर हमला करने के बाद बंधक बना लिया गया. ये विमान नदुगा के सुदूर पहाड़ी प्रांत में उतरा था. इसमें पांच यात्री सवार थे. 


पापुआ पुलिस के प्रवक्ता इग्नेशियस बेनी प्रबोवो ने कहा कि सैनिक और पुलिस पायलट और यात्रियों की तलाश कर रहे हैं. हम वहां बहुत से कर्मियों को नहीं भेज सकते, क्योंकि नदुगा तक पहुंचना काफी मुश्किल है.


न्यूजीलैंड के पायलट को बनाया बंधक


बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वेस्ट पापुआ नेशनल लिबरेशन आर्मी (TPNPB) ने बताया है कि पायलट सुरक्षित है, लेकिन हमारी शर्तें पूरी होने तक उसे रिहा नहीं करेंगे. टीपीएनपीबी के एक प्रवक्ता सेब्बी साम्बोम ने बताया कि पांच यात्रियों को रिहा कर दिया गया है. इनमें एक बच्चा भी शामिल था. ये सभी पापुआ के मूल निवासी थे. 


न्यूजीलैंड के पीएम ने क्या कहा?


इंडोनेशियाई अधिकारियों का कहना है कि वे एक खोज और बचाव दल तैनात कर रहे हैं. वहीं, पुलिस ने कहा कि ये काम बेहद ही मुश्किल है क्योंकि दूरस्थ क्षेत्र में सिर्फ हवाई मार्ग से ही पहुंचा जा सकता है. इस बीच न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस हिपकिंस ने कहा कि जकार्ता में देश का दूतावास इस मामले को लेकर काम कर रहा है. विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था कि वो स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ है. 


अलगाववादी लड़ाकों ने बोला था हमला


इंडोनेशिया (Indonesia) के सूसी एयर (Susi Air) का छोटा विमान मंगलवार तड़के सेंट्रल पापुआ में मोज़ेस किलांगिन हवाई अड्डे से रवाना हुआ था और कुछ घंटों बाद नदुगा में यात्रियों को छोड़ने के बाद वापस आने वाला था. 'फ्री पापुआ ऑर्गनाइजेशन' की सैन्य शाखा वेस्ट पापुआ लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने मंगलवार को नदुगा के पहाड़ी जिले में उतरने के तुरंत बाद विमान पर धावा बोल दिया.


अलगाववादी लड़ाकों ने क्या रखी शर्त?


टीपीएनपीबी के प्रवक्ता सेब्बी साम्बोम ने कहा कि पायलट फिलिप मार्क मेहरटेन को बंधक बना लिया था. एक छोटे बच्चे सहित यात्रियों को रिहा कर दिया गया, क्योंकि वे पापुआ के ही थे. अलगाववादियों का कहना है कि वो पायलट को तब तक रिहा नहीं करेंगे, जब तक पश्चिमी पापुआ की आजादी को मान्यता नहीं मिल जाती है.


पापुआ के अलगाववादी लड़ाकों का संघर्ष


अलगाववादियों लंबे समय से इंडोनेशिया से पश्चिम पापुआ प्रांत की स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं. पापुआ को 1969 में संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रायोजित वोटिंग के बाद देश में शामिल किया गया था, जिसकी कड़ी आलोचना की गई थी. तब से खनिज-समृद्ध इलाके में एक उग्रवाद पनपा है. ये दो प्रांतों, पापुआ और पश्चिम पापुआ में बंटा है. संघर्ष पिछले साल और बढ़ गया, जिसमें दर्जनों विद्रोहियों, सुरक्षा बलों और नागरिकों की जान गई है. 


ये भी पढ़ें:


Pakistan Crisis: क्या भारत से ज्यादा सुरक्षित देश है पाकिस्तान? क्यों है यह सर्वे सवालों के घेरे में, नतीजे चौंकाने वाले