कोरोना वायरस के कहर से आज भी लोग पूरी तरह से नहीं उबर सके हैं. ये कोई साधारण वायरस ना होने की वजह से इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया था. ये एक बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है. कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है, लेकिन कोरोना का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फ़ैल रहा है. एक साल पहले आये इस वायरस का दंश आज भी पूरी दुनिया झेल रही है. वहीं कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया था. इस वायरस का संक्रमण साल 2019 दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था. डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं. लेकिन अब धीरे-धीरे कई देशों ने इसको रोकने के लिए वैक्सीन तैयार कर ली है.
नाईजीरिया में 109 मिलियन लोगों को वैक्सीन लगाने की योजना
नाइजीरियाई सरकार ने अपने देश के लोगों की जान बचाने के लिए वैक्सीन तैयार की है. जिससे कोरोना वायरस की चपेट में आये लोगों को सही इलाज मिल सके और वैक्सीन देकर वायरस को फैलने से बचाया जा सके. इस लिए लगभग 109 मिलियन नाइजीरियाई लोगों को वैक्सीन लगाने की योजना बनाई गई है. जो दो साल में कोरोना टीकाकरण के लिए पात्र होंगे. इसकी जानकारी एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने दी है.
गर्भवती महिलाओं के लिए खास योजना
दरअसल अबूजा में कोरोना मीडिया ब्रीफिंग पर प्रेसिडेंशियल टास्क फोर्स में बोलते हुए, नेशनल प्राइमरी हेल्थ केयर डेवलपमेंट एजेंसी के प्रमुख फैसल शुएब ने कहा है कि जनता को सही इलाज देने की योजना बनाई जा रही है. फैजल ने बताया कि राज्यों के साथ काम करते हुए, संघीय सरकार ने गर्भवती महिलाओं समेत 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के सभी योग्य लोगों के लिए टीकाकरण की योजना बनाई है. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा है कि किसी भी गर्भवती महिला के टीकाकरण का निर्णय उसके डॉक्टर की सलाह से किया जाएगा.
वहीं नाइजीरिया के अलावा अन्य कई देशों में भी वैक्सीन लगाने की योजना बनाई जा चुकी है. भारत में 16 जनवरी से कोविड 19 का टीकाकरण शुरू हो चुका है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार प्राथमिकता के स्तर पर पहले तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और फ़्रंटलाइन वर्करस को वैक्सीन लगाई जाएगी. भारत में कोविड-19 से अब तक एक करोड़ से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं जिसमें से क़रीब डेढ़ लाख से ज्यादा की मौत भी हो चुकी है.
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