Nigerian Army Drone Strike: नाइजीरिया सेना ने गलती से गांव पर किया ड्रोन अटैक, लोगों का दावा- 80 से ज्यादा की मौत, 60 घायल
Nigerian Army: नाइजीरिया की सेना अक्सर देश के उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व में दस्यु मिलिशिया के खिलाफ अपनी लड़ाई में हवाई हमलों पर भरोसा करती है, जहां जिहादी 14 साल से संघर्ष कर रहे हैं.
Nigerian Army Error Drone Strike: अफ्रीकी देश नाइजीरिया के एक गांव में गलती से सेना के ड्रोन हमले में मुस्लिम त्योहार मना रहे दर्जनों नागरिक मारे गए. नाइजीरिया के स्थानीय अधिकारियों समेत सेना से जुड़े लोगों ने जानकारी दी कि रविवार (3 दिसंबर) को उत्तर-पश्चिमी नाइजीरिया के एक गांव में गलती से ड्रोन से हमला कर दिया गया.
नाइजीरिया सेना ने कडुना राज्य के तुदुन बीरी गांव में बीते रविवार (3 दिसंबर) की रात हुए हमले में मरने वालों की संख्या नहीं बताई, लेकिन स्थानीय निवासियों ने कहा कि दर्जनों लोग मारे गए और घायल हुए. इस पर स्थानीय अधिकारियों ने भी मौतों की पुष्टि की. कडुना राज्य के गवर्नर उबा सानी ने जांच के आदेश देते हुए कहा आतंकवादियों और मिलिशिया डाकुओं को निशाना बनाकर किए गए एक सैन्य ड्रोन हमले के बाद मौलूद का पालन करने वाले मुस्लिम श्रद्धालु गलती से मारे गए और कई अन्य घायल हो गए.
मरने वालों की संख्या
नाइजीरिया की सेना अक्सर देश के उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व में दस्यु मिलिशिया के खिलाफ अपनी लड़ाई में हवाई हमलों पर भरोसा करती है, जहां जिहादी 14 साल से संघर्ष कर रहे हैं. गांव के इदरीस दहिरू नाम के व्यक्ति ने बताया कि नाइजीरियाई हवाई हमले में मारे गए 85 लोगों को दफनाया है और 60 से अधिक घायल लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
उन्होंने कहा कि जब पहला बम गिराया गया तो मैं घर के अंदर था. हम प्रभावित लोगों की मदद के लिए घटनास्थल पर पहुंचे और फिर दूसरा बम गिराया गया. इदरीस दहिरू के परिवार के लगभग 12 लोगों की हमले में मौत हो गई. स्थानीय राज्य सुरक्षा आयुक्त सैमुअल अरुवान ने सेना के अधिकारियों और समुदाय के नेताओं के साथ बैठक के बाद कहा कि दर्जनों घायलों को राज्य की राजधानी कडुना के एक ट्रेनिंग हॉस्पिटल में ले जाया गया.
मिलिशिया गिरोह का आतंक
मिलिशिया गिरोह के लोगों को स्थानीय रूप से डाकुओं के रूप में जाना जाता है. उन्होंने लंबे समय से उत्तर पश्चिमी नाइजीरिया के कुछ हिस्सों को आतंकित कर रखा है, वे जंगलों में स्थित ठिकानों से काम करते हैं और निवासियों को लूटने और फिरौती के लिए अपहरण करने के लिए गांवों पर हमला करते हैं. इसकी वजह से 2009 से अब तक 40,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और 20 लाख लोग विस्थापित हुए हैं.