पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की किस्मत का फैसला कल को होने वाला है. शनिवार को संसद में खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर वोटिंग होगी. इससे पहले इमरान खान के इस्तीफे के संकेत मिले हैं. इमरान खान आज देश को संबोधित करने वाले हैं.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज इमरान खान ने पॉलिटिकल कमेटी के साथ बैठक की. इस कमेटी ने सामूहिक इस्तीफे का प्रस्ताव दिया. साथ ही एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इमरान खान की पार्टी राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानमंडलों में अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के सामूहिक इस्तीफे पर विचार कर रही है. हालांकि इमरान खान कई दफे कह चुके हैं वह आखिर गेंद तक मुकाबला करेंगे.
उन्होंने शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ट्वीट कर कहा था कि राष्ट्र के नाम मेरा यह संदेश है कि मैं हमेशा ही पाकिस्तान के लिए लड़ा हूं और आखिरी गेंद तक लड़ूंगा.
इससे पहले पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद ने कहा कि सत्ता पक्ष के सामूहिक इस्तीफे से मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल हल हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैं तीन महीने पहले से सुझाव दे रहा हूं. अपना इस्तीफा दे दो, विधानसभाओं को भंग कर दो, आपातकाल लागू करो, राज्यपाल शासन लागू करो. मैं सभी मामलों में सही था.
गृह मंत्री ने कहा, "मैं सामूहिक इस्तीफे के अपने फैसले पर कायम हूं. हमें सड़कों पर उतरना चाहिए और इन भाड़े के विपक्ष का पर्दाफाश करना होगा. वे पाकिस्तान की विदेश नीति पर से समझौता कर रहे हैं."
वहीं इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) ने घोषणा की है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आंदोलन छेड़ेगी, जिसके जरिये प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के (नेशनल असेंबली के) डिप्टी स्पीकर के फैसले को रद्द कर दिया गया है. साथ ही संसद के निचले सदन को बहाल करने का आदेश दिया गया है. न्यायालय का यह ऐतिहासिक फैसला बृहस्पतिवार रात आया था. इमरान खान की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का फैसला लिया है.
इमरान खान ने पिछले हफ्ते नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने से पहले सदन में बहुमत खो दिया था. खान को शनिवार को नेशनल असेंबली में शिकस्त मिलने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री खान को अपदस्थ करने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है और उन्होंने जरूरी संख्या से अधिक सदस्यों का समर्थन पहले ही प्रदर्शित कर दिया है.