Indian High Commission: श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने उन अफवाहों का खंडन किया है जिनमें कहा जा रहा है कि श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनका परिवार हैलिकॉप्टर से उड़कर भारत में शरण लेने के लिए आए हैं. उच्चोग ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी करते हुए इन अफवाहों पर विराम लगाया है. भारतीय उच्चायोग ने कहा है कि हाल ही में मीडिया और सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई कि एक नेता और उसका परिवार भारत में शरण लेने के लिए गए हैं. उच्चायोग ने सख्ती से खंडन करते हुए कहा कि ये एक कोरी अफवाह और झूठी रिपोर्ट हैं. इनमें कोई सच्चाई या सार नहीं है.
इस्तीफा देने के बाद भारत में शरण लेने की अफवाह
श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट के चलते सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज होने के बीच महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि उच्चायोग ने हाल में सोशल मीडिया और मीडिया के कुछ हिस्सों में फैलायी जा रही अफवाहों का संज्ञान लिया है कि कुछ राजनीतिक व्यक्ति और उनके परिवार भारत भाग गए हैं. भारतीय उच्चायोग ने कहा कि ये फर्जी और बिल्कुल झूठी खबरें हैं, जिनमें कोई सच्चाई नहीं है. उच्चायोग इनका पुरजोर खंडन करता है.
महिंदा राजपक्षे के श्रीलंका से बाहर जाने की अफवाह जोरों पर
महिंदा राजपक्षे के सोमवार को इस्तीफे के बाद से उनके ठिकाने के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसी खबरें आई हैं कि महिंदा राजपक्षे मंगलवार सुबह अपने कार्यालय-सह-आधिकारिक निवास ‘टेंपल ट्रीज’ से निकल गए थे. इस बीच, श्रीलंका के शीर्ष नागर विमानन अधिकारी ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर लगाई जा रही अटकलों को खारिज कर दिया और कहा कि वह अवैध परिवहन और श्रीलंका से किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को निकालने में शामिल नहीं थे. श्रीलंका के नागर विमानन प्राधिकरण के महानिदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैप्टन थेमिया अबयविक्रमा ने एक बयान में सोशल मीडिया पर लगाई जा रही अटकलों को झूठे आरोप बताया.
श्रीलंका में तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा, देश में गंभीर आर्थिक संकट पर उन्हें हटाने की मांग कर रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद सोमवार को हिंसा भड़क गई थी, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई थी. वहीं, कोलंबो और अन्य शहरों में हुई हिंसा में 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं.