Nobel Prize: नोबेल प्राइज 2023 के विजेताओं की अनाउंसमेंट की शुरुआत हो चुकी है. आज यानी मंगलवार को नोबेल प्राइज अनाउंसमेंट का दूसरा दिन है. इससे पहले सोमवार को मेडिसिन क्षेत्र में नोबेल प्राइज कैटलिन कारिको और ड्रू वीसमैन को मिला है. आज यानी 3 अक्टूबर को फिजिक्स क्षेत्र में नोबेल प्राइज के विजेताओं की घोषणा की जाएगी.
बता दें कि भारत के तमिलनाडु में जन्मे डॉ सीवी रमन को साल 1930 में फिजिक्स के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था. दरअसल, साल 1921 में यूरोप की यात्रा के दौरान, उन्होंने ग्लेशियरों और भूमध्य सागर के नीले रंग को देखकर, यह पता लगाने का फैसला किया कि पानी, जो रंगहीन था, आंखों को नीला क्यों दिखाई देता है. विज्ञान में योगदान के लिए उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
गौरतलब है कि नोबेल पुरस्कार वितरण एक सप्ताह तक चलेगा.फिजिक्स क्षेत्र में नोबेल प्राइज के ऐलान के बाद बुधवार यानी 4 अक्टूबर को केमिस्ट्री के विजेताओं की घोषणा की जाएगी. इसके साथ ही साहित्य यानी लिटरेचर में प्राइज 5 अक्टूबर को दिया जाएगा. वहीं, नोबेल पीस प्राइज की घोषणा 6 अक्टूबर को होगी. इसके बाद इकोनॉमिक साइंस में विनर्स की घोषणा 9 अक्टूबर को की जाएगी.
नोबेल प्राइज इतिहास
नोबेल पुरस्कार एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है. इस पुरस्कार की शुरुआत नोबेल फाउंडेशन ने साल 1901 में की थी. ये पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाता है. उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने पिछले साल के दौरान मानव जाति को सबसे बड़ा फायदा पहुंचाया हो.
कौन थे अल्फ्रेड नोबेल?
अल्फ्रेड नोबेल एक वैज्ञानिक थे, जिन्होंने मानव जाति की भलाई के लिए कई खोज किए थे. 27 नवंबर 1895 को अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी अंतिम वसीयत और वसीयतनामा पर हस्ताक्षर किए. इससे उन्होंने अपने वसीयत का सबसे बड़ा हिस्सा पुरस्कारों की एक सीरीज, नोबेल प्राइज को दे दिया. दरअसल, उनकी इच्छा थी कि इस पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए, जिनका काम मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी साबित हो. नोबेल प्राइज फिजियोलॉजी, मेडिसिन, फिजिक्स, केमिस्ट्री, लिटरेचर, पीस और इकोनॉमिक साइंस के क्षेत्र में दिया जाता है.
अल्फ्रेड के वसीयतनामा के मुताबिक, फिजिक्स नोबेल प्राइज उस व्यक्ति को दिया जाए, जिसने फिजिक्स क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण खोज या आविष्कार किया होगा. अब तक फिजिक्स में कुल 116 नोबेल प्राइज दिए गए हैं.
दुनिया में भारत का मान बढ़ाने वाले डॉ चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1930 में फिजिक्स नोबेल पुरस्कार मिला था. उन्होंने साबित किया था कि जब किसी पारदर्शी वस्तु के बीच से प्रकाश की किरण गुजरती है, तो उसकी वेवलेंथ (तरंग दैर्ध्य) में बदलाव दिखता है. उनके इस आविष्कार के लिए उन्हें फिजिक्स नोबेल पुरस्कार दिया गया था.