आज की जाएगी फिजियोलॉजी या चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार की घोषणा, जानें कैसे देखें ऑनलाइन
Medicine Nobel 2023: हर साल फिजियोलॉजी या मेडिसिन नोबेल पुरस्कार की घोषणा नोबेल सिरीज में सबसे पहले की जाती है. नोबेल पुरस्कार सिरीज में छह कैटेगरी के पुरस्कार शामिल होते हैं.
Nobel Prize 2023: नोबेल पुरस्कार की घोषणा हर साल की जाती है. नोबेल सिरीज में छह तरह के पुरस्कार शामिल होते हैं. इसमें सबसे पहले फिजियोलॉजी या मेडिसिन नोबेल पुरस्कार की घोषणा होती है. फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2023 के नोबेल पुरस्कार की घोषणा सोमवार (2 अक्टूबर, 2023) को भारतीय समयानुसार शाम 3 बजे की जाएगी.
साल 2022 में स्वीडिश आनुवंशिकीविद(जेनिटिक के जानकार) स्वांटे पाबो ने निएंडरथल और डेनिसोवन (मनुष्यों या होमो सेपियन्स) के विलुप्त रिश्तेदारों के आनुवंशिक विश्लेषण (जेनिटिक रिसर्च) में अपने अग्रणी काम के लिए फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार जीता था. पाबो को "विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से संबंधित उनकी खोजों के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2021 का नोबेल पुरस्कार डेविड जूलियस और आर्डेम पैटापोटियन को संयुक्त रूप से दिया गया था. उन्हें तापमान और स्पर्श के लिए विकसित रिसेप्टर्स के लिए सम्मानित किया गया था.उनकी खोज कई शारीरिक प्रक्रियाओं और रोग स्थितियों के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं.
कब और कहां देख सकते हैं?
फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2023 के नोबेल पुरस्कार की घोषणा को आधिकारिक वेबसाइट या नोबेल संगठन के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है. संगठन की जानकारी के मुताबिक प्रोग्राम का लाइवस्ट्रीम 2 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे शुरू होगा.
फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार का इतिहास
फिजियोलॉजी या चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार 1901 से दिया जा रहा है. अब तक, फिजियोलॉजी या चिकित्सा में 113 नोबेल पुरस्कार दिए गए हैं. अब तक 12 महिलाओं को फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार मिला है.
फ्रेडरिक जी बैंटिंग को सबसे कम उम्र में मेडिसिन में पुरस्कार मिला था. उन्होंने 1923 में महज 32 साल की उम्र में ये पुरस्कार जीता था. उन्हें इंसुलिन की खोज के लिए पुरस्कार मिला था. 1966 में पेटन राउस को 87 साल की उम्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. पेटन अब तक के सबसे ज्यादा उम्र में मेडिसिन नोबेल पुरस्कार विजेता हैं. उन्होंने ट्यूमर उत्पेरक वायरस की खोज की थी.
सुने बर्गस्ट्रॉम और स्वांटे पाबो एकमात्र पिता-पुत्र की जोड़ी हैं जिन्हें अलग अलग मेडिसिन नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
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