Russia Ukraine War: यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूस बौखलाया हुआ है. ऐसे में वह अब पत्रकारों और साहित्यकारों की आलोचना भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है. कुछ इसी तरह का सलूक रूस ने शुक्रवार को सम्मानित पत्रकार और नोबेल पुरस्कार सह-प्राप्तकर्ता दिमित्री मुराटोव के साथ किया है. दरअसल, रूस ने मुराटोव को विदेशी एजेंट घोषित कर दिया है.


द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के न्याय मंत्रालय ने दिमित्री मुराटोव को विदेशी एजेंट घोषित किये जाने के फैसले को सही ठहराया है. रूस के न्याय मंत्रालय ने कहा कि मुराटोव ने देश के बारे में नकारात्मक चीजें फ़ैलाने के लिए विदेशी प्लेटफार्मों का इस्तेमाल किया, जिससे रूस की छवि पर गहरा असर पड़ा है. मंत्रालय ने दिमित्री मुराटोव पर अन्य विदेशी एजेंटों से कंटेंट बनाने और उसे प्रचारित करने का भी आरोप लगाया.


विदेश से धन प्राप्त करने और देश की छवि ख़राब करने का आरोप 


बता दें कि रूसी कानून विदेश से धन प्राप्त करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को विदेशी एजेंट घोषित करने की अनुमति देता है. यह एक अपमानजनक शब्द है  ऐसे में रूस के शीर्ष स्वतंत्र प्रकाशन नोवाया गजेटा के संपादक को इस लिस्ट में शामिल किया गया है. हालांकि नोवाया गजेटा की वेबसाइट पर इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है. बल्कि कहा गया है कि ‘इसमें टिप्पणी करने के लिए क्या है? टिप्पणियों के लिए, न्याय मंत्रालय से संपर्क करें.’ इसमें कहा गया है कि विदेशी एजेंटों की लिस्ट में अब 674 "योग्य" लोग और संगठन शामिल हैं. 


नोबेल पुरस्कार जीत चुका है यह पत्रकार 


गौरतलब है कि मुराटोव 2021 नोबेल पुरस्कार के सह-विजेता थे. नोबेल पुरस्कार जीतने के बाद  मुराटोव ने अपना नोबेल पदक नीलामी के लिए रखा, जिससे उन्हें 103.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए. नीलामी के पैसों को लेकर उन्होंने घोषणा की कि  इसका इस्तेमाल यूक्रेन के शरणार्थी बच्चों की सहायता के लिए किया जाएगा. मालूम हो कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर पाते. ऐसे में उनके ख़िलाफ़ आवाज उठाने वाले देश से बाहर कर दिया जाता है या फिर जेल भेज दिया जाता है या फिर मार दिया जाता है. 


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