बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को कोर्ट ने क्यों सुनाई 6 माह की सजा?
Nobel Winner Economist Muhammad Yunus Convicted: श्रम कानून उल्लंघन के आरोप में बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री डॉ. मुहम्मद यूनुस को 6 महीने की साधारण कारावास की सजा सुनाई गई.
Nobel Winner Economist Muhammad Yunus: बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री डॉ. मुहम्मद यूनुस को सोमवार (1 दिसंबर) को एक अदालत ने श्रम कानून के उल्लंघन के आरोप में 6 महीने जेल की सजा सुनाई. 7 जनवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले हुए इस घटनाक्रम को यूनुस के समर्थकों ने 'राजनीति से प्रेरित' बताया है.
श्रम अदालत की न्यायाधीश शेख मेरिना सुल्ताना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उनके खिलाफ श्रम कानून का उल्लंघन करने का आरोप सिद्ध हो चुका है.
न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि यूनुस को एक व्यावसायिक कंपनी के 3 अन्य अधिकारियों के साथ ग्रामीण टेलीकॉम के अध्यक्ष के रूप में कानून का उल्लंघन करने के लिए 6 महीने की साधारण कारावास की सजा काटनी होगी. फैसला सुनाये जाने के समय 83 वर्षीय यूनुस कोर्ट में मौजूद थे.
न्यायाधीश ने उनमें से प्रत्येक पर 25,000 टका का जुर्माना भी लगाया और कहा कि ऐसा न करने पर उन्हें 10 दिन और जेल में काटने होंगे. 'बांग्लादेशी टका' बांग्लादेश की मुद्रा है.
फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में कर सकते हैं अपील
फैसले के तुरंत बाद, यूनुस और 3 अन्य ने जमानत के लिए आवेदन किया. न्यायाधीश ने 5,000 टका के मुचलके के बदले उन्हें एक महीने की जमानत दे दी. कानून के तहत, यूनुस और तीन अन्य लोग फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं.
आम चुनावों से ठीक पहले आए इस फैसले को 'राजनीति से प्रेरित' बताते हुए उनके समर्थकों ने कहा कि आरोप उन्हें प्रताड़ित करने के लिए दायर किए गए थे.
यूनुस ने खारिज किए व्यावसायिक कंपनियों में से फायदा उठाने के दावे
पिछले महीने, सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश होने के बाद, यूनुस ने ग्रामीण टेलीकॉम या बांग्लादेश में स्थापित 50 से अधिक व्यावसायिक कंपनियों में से किसी से भी फायदा उठाने के दावों को खारिज कर दिया था.
ग्रामीण टेलीकॉम के पास बांग्लादेश की सबसे बड़ी मोबाइल फोन कंपनी, ग्रामीणफोन की 34 प्रतिशत हिस्सेदारी है. नोबेल पुरस्कार विजेता को श्रम कानून और धन के दुरुपयोग से संबंधित कई आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है.
यूनुस को ग्रामीण बैंक के माध्यम से अपने गरीबी विरोधी अभियान के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
यूनुस पर अगस्त 2022 में चला था मुकदमा
प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के साथ अज्ञात कारणों से उनका विवाद जारी है. वर्ष 2008 में हसीना के सत्ता में आने के बाद अधिकारियों ने यूनुस के खिलाफ कई मामलों में जांच शुरू की थी. अगस्त 2023 में, ग्रामीण टेलीकॉम के 18 पूर्व कर्मचारियों ने यूनुस के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें उन पर उनकी नौकरी के फायदों को हड़पने का आरोप लगाया गया था. श्रम कानूनों के उल्लंघन के आरोप में यूनुस पर अगस्त 2022 में मुकदमा चलाया गया था.
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