America on Yudh Abhyas 2022: उत्तराखंड में नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब चल रहे भारत-अमेरिका के युद्धाभ्यास को लेकर चीन के एतराज पर अब अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने साफ कहा कि वह चीन की आपत्तियों के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है. भारत में अमेरिका की राजदूत एलिजाबेथ जोन्स ने पत्रकारों से कहा कि इस मामले में अमेरिका, भारत के साथ खड़ा है.


एलिजाबेथ जोन्स ने कहा कि भारत ने जो जवाब दिया वो बिल्कुल सही है. इस युद्धाभ्यास का चीन से कोई मतलब नहीं है. बता दें कि चीन ने इस युद्धाभ्यास का विरोध किया है. ड्रैगन का कहना है कि सीमा से 100 किमी दायरे के अंदर दो देशों की सेनाओं का युद्धाभ्यास, नई दिल्ली और बीजिंग के बीच हस्ताक्षरित दो सीमा समझौतों की भावना का उल्लंघन है.


LAC पर युद्धाभ्यास से चीन को आपत्ति


चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने कहा कि चीन-भारत सीमा पर एलएसी के करीब भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 1993 और 1996 में चीन और भारत के बीच हुए समझौते की भावना का उल्लंघन करता है. उन्होंने दावा किया था कि यह युद्धाभ्यास, चीन और भारत के बीच आपसी विश्वास को पूरा नहीं करता है.


चीन की आपत्ति पर भारत का जवाब


चीन की ओर से इस बयान का भारत ने कड़ा विरोध किया था. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत किसके साथ मिलिट्री एक्सरसाइज करेगा, यह उसका अपना मामला है. चीन अपने समझौते का खुद उल्लंघन करता है. बागची ने कहा कि हमारा अमेरिका के साथ संबंध है, जिसको लेकर कोई वीटो नहीं कर सकता. 


इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य क्या है? 


एलएसी से लगभग 100 किमी दूर उत्तराखंड में भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास’ चल रहा है. इसका उद्देश्य शांति स्थापित करना, आपदा राहत कार्यों में दोनों सेनाओं के बीच पारस्परिकता को बढ़ाना और विशेषज्ञता साझा करना है. करीब दो हफ्ते तक चलने वाला यह युद्धाभ्यास हाल में शुरू हुआ है.


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