North Korea News: किम जोंग के आदेश का इंतजार कर रही उत्तर कोरिया की सेना, इस देश को तबाह करने की खाई है कसम!
North Korea News: किम जोंग की मौजूदगी में उत्तर कोरिया की सेना ने अपने दुश्मनों को खत्म करने की कसम खाई है. इनके निशाने पर दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका हैं. हाल ही में तीनों ने एक समझौता किया है.
North Korea News: आमतौर पर हर देश की सेनाएं अपने दुश्मनों से लोहा लेने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं, लेकिन उत्तर कोरिया की फौज ने दुश्मनों को नेस्तनाबूत करने की कसम खाई है. इस देश को सिर्फ अपने सुप्रीम लीडर किम जोंग के एक आदेश का इंतजार है. कोरियाई युद्ध की सालगिरह पर किम जोंग की फौज ने कहा कि 'हम दुश्मनों को पूरी तरह से बर्बाद कर देंगे, इसके लिए हमने कसम खाई है.'
उत्तर कोरिया के केसीएनए न्यूज ने बताया कि किम जोंग की मौजूदगी में कर्नल री उन-रयोंग और लेफ्टिनेंट कमांडर यू क्योंग-सॉन्ग समेत देश के सभी सैन्य अधिकारियों ने कसम खाई है. इस दौरान अमेरिका और दक्षिण कोरिया को सबक सिखाने की चेतावनी दी. दरअसल, अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच राजनयिक संबंध नहीं हैं. अमेरिका चाहता है कि उत्तर कोरिया परमाणु हथियार नहीं बनाए. यदि कुछ बनाया है तो उसे देखने की इजाजत दे.
अमेरिका की बात नहीं मानेंगे किम जोंग
दूसरी तरफ किम जोंग अमेरिका की एक भी बात मानने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिका का राष्ट्रपति कोई भी बने लेकिन लंबे समय तक अमेरिका और उत्तर कोरिया संबंध सुधरने वाले नहीं हैं. उत्तर कोरिया का आरोप है कि अमेरिका युद्ध भड़काने की कोशिश कर रहा है, अमेरिका चाहता है कि परमाणु युद्ध हो. यदि ऐसा हुआ तो हमारे कमांडर बिना देरी किए दुश्मन पर हमला करेंगे और पूरी तरह से नष्ट कर देंगे.
उत्तर कोरिया का इस तरह का विवाद 70 साल पुराना है. कोरियाई युद्ध के दौरान उत्तर कोरिया ने 27 जुलाई 1953 को अमेरिका और चीन के साथ एक युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किया था, लेकिन इसके तीन साल बाद जंग खत्म हुआ. इस तारीख को उत्तर कोरिया 'विजय दिवस' के रूप में मनाता है, जबकि दक्षिण कोरिया इस दिन को महत्व नहीं देता है.
किम जोंग आखिर क्यों नाराज?
दूसरी तरफ रविवार को टोक्यो में अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन, जापान के रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा और दक्षिण कोरिया के शिन वोन-सिक ने मुलाकात की. इस दौरान तीनों देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते का उद्देश्य कोरियाई मिसाइल के चेतावनी डेटा का इस्तेमाल करना है, साथ ही तीनों देश युद्ध अभ्यास करेंगे. अब इसी बात से उत्तर कोरिया के तानाशाह चिढ़े हैं.
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