उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपनी कैबिनेट के प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर की और एक महीना पहले नियुक्त किए गए एक वरिष्ठ वित्त अधिकारी को सेवा से हटा दिया. किम ने आरोप लगाया कि संकट के दौर से गुजर रही देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इन अधिकारियों ने कोई नया विचार पेश नहीं किया.


सरकारी मीडिया ‘केसीएनए’ की शुक्रवार की खबर के अनुसार किम को उम्मीद थी कि परमाणु कार्यक्रमों को लेकर अमेरिका के प्रतिबंधों को हटाने की उनकी कूटनीति काम आएगी, लेकिन वह रुकी पड़ी है. वहीं कोविड-19 महामारी के कारण सीमाएं बंद होने और प्राकृतिक आपदा में फसल बर्बाद होने की वजह से संकट के दौर से गुजर रही अर्थव्यवस्था और बेहाल हुई है. खबर के अनुसार किम के नौ साल के कार्यकाल में यह सबसे मुश्किल दौर है.


मौजूदा चुनौतियों के कारण किम को सार्वजनिक रूप से पूर्व की आर्थिक योजनाओं की असफलता को स्वीकार करना पड़ा. जनवरी में ‘वर्कस पार्टी कांग्रेस’ की बैठक में पंचवर्षीय आर्थिक योजना पेश की गयी थी लेकिन गुरुवार को पार्टी की सेंट्रल कमेटी की बैठक में अब तक क्रियान्वित योजनाओं को लेकर किम की निराशा साफ तौर पर झलकी.


किम ने गुरुवार की बैठक में कहा कि कैबिनेट अर्थव्यवस्था में जान डालने में नाकाम रही. केसीएनए के अनुसार किम तु द्वितीय की जगह अब ओ सु योंग को सेंट्रल कमेटी के आर्थिक मामलों के विभाग का नया निदेशक नियुक्त किया गया है.


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