North Korea Fires Ballistic Missile: टोक्यो और सियोल का दावा- उत्तर कोरिया ने समुद्र की तरफ दागी तीन बैलिस्टिक मिसाइलें
North Korea Fires Ballistic Missile: उत्तर कोरिया ने अटकी हुई परमाणु कूटनीति के बीच अपने प्रतिद्वंद्वियों पर दबाव बनाने के स्पष्ट प्रयास में इस साल मिसाइलों के कई परीक्षण किए हैं.
North Korea Fires Ballistic Missile: उत्तर कोरिया ने समुद्र की तरफ तीन अज्ञात संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रक्षेपण किया. दक्षिण कोरिया और जापान ने यह दावा किया. जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा दागी गई मिसाइल एक संभावित बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र हो सकता है. उसकी तरफ से और कोई विवरण नहीं दिया गया.
वहीं दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि उत्तर कोरिया की मिसाइल गुरुवार को देश (उत्तर कोरिया) के पूर्वी समुद्र की तरफ प्रक्षेपित की गई. बयान में और कोई जानकारी नहीं दी गई.
इस बीच उत्तर कोरिया के राज्य मीडिया ने गुरुवार को देश में कोविड -19 के पहले मामले की पुष्टि की है. देश के नेता किम जोंग-उन ने शहरों और काउंटी में पूर्ण लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया है. कोविड-19 वैश्विक महामारी फैलने के दो साल से अधिक समय बाद उत्तर कोरिया में संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि की गई है.
उत्तर कोरिया ने अटकी हुई परमाणु कूटनीति के बीच अपने प्रतिद्वंद्वियों पर दबाव बनाने के स्पष्ट प्रयास में इस साल मिसाइलों के कई परीक्षण किए हैं. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते वायरस रोधी कदमों के बावजूद, उत्तर कोरिया राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने की कोशिश के तहत अपने हथियारों के परीक्षण जारी रखेगा.
साल का 16वां परिक्षण
गुरुवार को किया गया प्रक्षेपण इस साल उत्तर कोरिया द्वारा किया गया 16वां परीक्षण था. इनमें 2017 के बाद से उत्तर कोरिया के एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का किया गया पहला परीक्षण भी शामिल है. ऐसे संकेत भी हैं कि उत्तर कोरिया देश के पूर्वोत्तर में एक दूरस्थ परीक्षण मैदान में पांच वर्षों में अपना पहला परमाणु परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है.
यूएन में अमेरिका का चीन और रूस से टकराव
यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब एक दिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में उत्तर कोरिया के मसले पर अमेरिका का रूस और चीन के साथ टकराव हुआ है. अमेरिका की, उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों को लेकर उस पर संयुक्त राष्ट्र के नए प्रतिबंध लगाने के लिए जोर दिए जाने पर चीन और रूस के कड़े विरोध के चलते बुधवार को दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक हुई.
सुरक्षा परिषद की बैठक में चर्चा में दोनों पक्षों के बीच काफी मतभेद देखने को मिला और बाइडन प्रशासन के लिए नए प्रतिबंधों के प्रस्ताव को परिषद में पारित कराना लगभग असंभव कार्य बन गया. चीन और रूस दोनों के पास वीटो का अधिकार है और उन्होंने कहा कि वे उत्तर कोरिया पर नयी वार्ता देखना चाहते है न कि उसे और सजा देना चाहते हैं.
अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया के ‘‘एक और उकसावे वाला, गैरकानूनी, खतरनाक कृत्य जैसे कि परमाणु परीक्षण’’ करने तक का इंतजार नहीं कर सकती है. ग्रीनफील्ड इस महीने के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक कोरिया गणराज्य ने इस साल अभी तक 17 बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण किए हैं.
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