North Korea: उत्तर कोरिया ने फिर किया बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट, एक महीने में 7 परीक्षण कर दुनिया को दिखाया ठेंगा
North Korea: आखिरी बार उत्तर कोरिया ने एक महीने में इतने सारे हथियारों का परीक्षण साल 2019 में किया था. उस वक्त तानाशाह Kim Jong Un और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच वार्ता विफल हो गई थी.
North Korea Missile Test: उत्तर कोरिया कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) लगातार मिसाइल परीक्षणों से दुनिया को चौंका रहा है. अब एक बार फिर से अज्ञात हथियार का प्रक्षेपण (Unidentified Projectile) किया गया है. दक्षिण कोरिया (South Korea) की सेना ने इसकी पुष्टि की है. उत्तर कोरिया ने एक महीने में सातवीं बार हथियारों का परीक्षण कर अंतरराष्ट्रीय शांति को खतरा पहुंचाया है. आखिरी बार उत्तर कोरिया ने एक महीने में इतने सारे हथियारों का परीक्षण साल 2019 में किया था. उस वक्त तानाशाह किम जोंग उन और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हाई-प्रोफाइल वार्ता विफल हो गई थी. तब से अमेरिका के साथ बातचीत रुकी हुई है.
उत्तर कोरिया ने एक महीने में 7वीं बार किया मिसाइल टेस्ट
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा है कि उत्तर कोरिया ने पूर्वी सागर यानी जापान सागर (Sea of Japan) की ओर एक अज्ञात मिसाइल दागा है. इस बीच जापान के तट रक्षक ने कहा है उत्तर कोरिया ने संभावित बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missiles) का प्रक्षेपण किया है. उत्तर कोरिया ऐसे समय में लगातार मिसाइल टेस्ट करता जा रहा है जब देश खराब आर्थिक स्थिति का सामना कर रहा है. उत्तर कोरिया ने पिछले हफ्ते भी अमेरिका को जद में लेने वाले परमाणु विस्फोटकों और लंबी दूरी की मिसाइलों के परीक्षण को फिर से शुरू करने की परोक्ष धमकी दी थी.
किम जोंग लगातार कर रहा है मिसाइल टेस्ट
इससे पहले तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने देश में युद्ध सामग्री से संबधित कारखानों का दौरा भी किया था और उत्तर कोरिया के नवीनतम हथियारों के परीक्षण की पुष्टि की थी. इस महीने अकेले उत्तर कोरिया ने सामरिक निर्देशित मिसाइलों (Tactical Guided Missiles), दो हाइपरसोनिक मिसाइलों (Hypersonic Missiles) का परीक्षण किया है.
इससे पहले उत्तर कोरिया ने गुरुवार को दो संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल समुद्र में दागे थे. दक्षिण कोरिया की सेना ने यह जानकारी दी थी. विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षण गतिविधि में उत्तर कोरिया की असामान्य रूप से तेजी अमेरिका के नेतृत्व वाले प्रतिबंधों को कम करने के उद्देश्य से लंबे समय से रुकी वार्ता को लेकर बाइडन प्रशासन पर दबाव बनाना है.
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