North Korea South Korea Issue: उत्तरी-पूर्वी एशिया में दक्षिण कोरिया (South Korea) और उत्तर कोरिया (South Korea) के बीच तनातनी बढ़ गई है. दक्षिण कोरिया ने अमेरिका के साथ एक जॉइंट एयर एक्सरसाइज की है, जिसमें स्ट्रैटेजिक बॉम्बर और स्टील्थ फाइटर जेट्स शामिल थे. इस जॉइंट एयर एक्सरसाइज के बारे में दक्षिण कोरिया ने गुरुवार को जानकारी दी, तो उसे प्योंगयांग को चेतावनी के रूप में देखा गया.
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि बुधवार को एयर एक्सरसाइज में उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल खतरों के विरुद्ध अमेरिकी सहयोग और हमारे डिफेंस सिस्टम की क्षमताओं की परख की गई. यह जॉइंट एयर एक्सरसाइज अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और उनके दक्षिण कोरियाई समकक्ष द्वारा तेजी से आक्रामक होते परमाणु-सशस्त्र उत्तर कोरिया का मुकाबला करने के लिए सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने की कसम खाने के एक दिन बाद की गई.
अमेरिका और दक्षिण कोरिया का युद्धाभ्यास
उत्तरी-पूर्वी एशिया में हुआ दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच यह पहला युद्धाभ्यास था. दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उनके युद्धाभ्यास में लंबी दूरी के भारी बमवर्षक विमान और स्टील्थ फाइटर जेट्स ने हिस्सा लिया- जिनमें अमेरिकी वायु सेना एफ -22, अमेरिकी बी-1 और दक्षिण कोरियाई एफ-35 - येलो सी शामिल थे.
इस युद्धाभ्यास पर उत्तर कोरिया का बयान आया है. उनका कहना था कि इस तरह के युद्धाभ्यास से क्षेत्र में अशांति फैलेगी. उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि सियोल और वाशिंगटन की जॉइंट एक्सरसाइज ने "रेड-लाइन" को पार कर लिया है. इससे पहले उत्तर कोरिया ने खुद को एक परमाणु शक्ति घोषित कर दिया था और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए लगभग हर महीने एक हथियार का परीक्षण किया.
उत्तर कोरिया ने दी चेतावनी
केसीएनए पर उत्तर कोरियाई बयान में देश के आधिकारिक नाम का इस्तेमाल करते हुए कहा गया है कि अमेरिका-दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यास को बढ़ावा देना और क्षेत्र में सामरिक हथियारों को तैनात करना "उत्तर कोरिया के खिलाफ परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के बारे में बात करने" जैसा है. बयान में यह चेतावनी दी गई कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु सिद्धांत का पालन करेगा. वहीं, उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर चौतरफा टकराव को बढ़ाने के आरोप लगाए.
'अमेरिका से बातचीत में नहीं है दिलचस्पी'
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमें अमेरिका के साथ तब तक किसी भी तरह के संपर्क या बातचीत में दिलचस्पी नहीं है, जब तक कि वह अपनी शत्रुतापूर्ण नीति और टकराव की लाइन पर चलता रहेगा.
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